Budget 2023 Expectations: बजट से निकलेगी 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की राह, ग्रोथ को मिलेगा बूस्ट
Budget 2023 Expectations: रेवेन्यू फोकस को देखते हुए कहीं भी कमी की उम्मीद नही करना चाहिए. क्योंकि इससे पहले नॉन-लिस्टेड इक्विटी के लिए कैपिटल गेंस टैक्सेशन देखा गया और बॉन्ड को इक्विटी के साथ जोड़ा जा रहा है.
Budget 2023 Expectations: केंद्रीय बजट पेश होने में चंद दिन ही रह गए हैं. यह बजट ऐसे समय में पेश हो रहा है जब दुनियाभर में आर्थिक मंदी के हालात हैं. ऐसे में आशंका है कि इसका बुरा असर घरेलू अर्थव्यवस्था पर भी पड़ सकता है. फेस्टिव सीजन के बाद कंज्युमर कंपनियों के हालात तो यही संकेत दे रहे हैं. उम्मीद किया जा रहा है आम चुनाव से पहले इस बजट में राष्ट्र निर्माण पर फोकस रहने की उम्मीद है. इसके तहत सरकार की नजर फिस्कल डेफिसिट को घटाने पर भी होगी. क्योंकि इकोनॉमी के आकार को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक जो पहुंचाना है.
रेवेन्यू ग्रोथ धीमी रहने की आशंका
मोतीलाल ओसवाल AMC के एग्जीक्युटिव डायरेक्टर ( बिजनेस एंड इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजी) प्रतीक अग्रवाल के मुताबिक FY23 की तुलना में FY24 में रियल GDP ग्रोथ और महंगाई दोनों में कमी को देखते हुए सरकार के लिए राजस्व की गति धीमी होने की आशंका है, जिससे चीजें और ज्यादा मुश्किल हो जाएंगी. ऐसे में (Budget 2023 Expectations) सरकार असेट मोनेटाइजेशन का ऑप्शन चुन सकती है. इसके तहत सरकारी कंपनियों में हिस्सा की जाने की उम्मीद है, जोकि इससे पहले भी किया गया.
नए सेक्टर्स में PLI स्कीम्स संभव
उन्होंने कहा कि दिक्कत की बात यह भी है कि ग्लोबल लिक्विडिटी मुश्किलों के चलते घरेलू कंपनियों द्वारा ग्लोबल फंड जुटाना चुनौतीभरा हो जाएगा. इससे सरकार का फोकस (Budget 2023 Expectations) सड़कों जैसी स्थिर रेवेन्यू पैदा करने वाले असेट्स के सिक्योरिटाइजेशन पर हो सकता है. हालांकि, PLI स्कीम्स सफल रहने की वजह से नए सेक्टर्स में भी इसे बढ़ाए जाने की उम्मीद है.
दुनियाभर में मॉनिटरी सख्ती रहेगी बरकरार
प्रतीक अग्रवाल ने कहा दुनियाभर में मॉनिटरी सख्ती बरकरार रह सकती है. ऐसे अगर भारत को ग्रोथ बरकरार रखना है तो इसके लिए बाहरी फंडिंग की तलाश करनी होगी. चुंकि भारत कुछ FTA पर हस्ताक्षर करने के प्रोसेस में हैं. इससे एक्सपोर्ट के लिए कुछ और मार्केट में पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी. उन्होंने टैक्सेशन पर कहा कि मोटे तौर पर इसमें एक निरंतरता बरकरार रहने की उम्मीद है.
टैक्सेशन में ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं
रेवेन्यू फोकस को देखते हुए कहीं भी कमी की उम्मीद नही करना चाहिए. क्योकि इससे पहले हमने नॉन-लिस्टेड इक्विटी के लिए कैपिटल गेंस टैक्सेशन देखा और बॉन्ड को इक्विटी के साथ जोड़ा जा रहा है. यह इस साल के बजट (Budget 2023 Expectations) में और अधिक होने की उम्मीद की जाने की आशंका है. कुल मिलाकर बजट 2023 से उम्मीद की जाती है कि यह भारतीय कंपनियों को बढ़ावा देगी. क्योंकि हम एक देश के रूप में अगले कुछ वर्षों में 5 ट्रिलियन अमरीकी डालर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने का प्रयास में हैं.
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