Pre-Budget Meeting 2023: बजट 2023 को लेकर तैयारियां तेज है. वित्त मंत्री और अन्य ग्रुप के बीच प्री-बजट का सिलसिला जारी है. इसमें अलग-अलग समूह अपने क्षेत्र की जरूरतों के लिहाज से सुझाव और मांग दोनों वित्त मंत्री के साथ साझा कर रहे हैं. सोमवार को वित्त मंत्री और ट्रेड यूनियंस के बीच की मीटिंग हुई. इसमें ट्रेड यूनियंस ने कई अहम मुद्दों को FM सामने रखा. इसमें पुरानी पेंशन योजना, EPF समेत प्राइवेटाइजेशन (Privatization) जैसे मद्दे शामिल रहे.

EPF पेंशन रकम बढ़ाने की मांग

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ट्रेड यूनियंस ने प्री-बजट मीयिंग में ओल्ड पेंशनल स्कीम की बहाली की मांग की. साथ ही साथ EPF में मिनिमम पेंशन (EPFO minimum pension) को बढ़ाने की भी सिफारिश की. इसके तहत मजदूर यूनियन ने कहा कि EPF में पेंशन की रकम (EPF Pension Amount) को 1000 रुपए से बढ़ाकर 5000 रुपए करना चाहिए. साथ ही EPF पेंशनभोगियों (EPFO pensioners) को आयुष्मान भारत का भी फायदा मिलना चाहिए. प्रीमियम का भुगतान सरकार द्वारा किया जाना चाहिए.

प्राइवेटाइजेशन का विरोध

यूनियन ने हाल में हुए सरकारी कंपनियों के निजीकरण (Strategic Sale) की मौजूदा नीतियों पर भी विरोध जताया है. उन्होंने मीटिंग में कहा कि निजीकरण को रोकनी चाहिए. यह तरीका स्वीकर नहां है. इस पर सरकार को फिर से विचार करना चाहिए.  मीटिंग में ट्रेड यूनियन ने कहा कि घाटे में चल रही सरकारी बैंकों (PSBs) के लिए अलग से नीति बनाई जाए. इसके लिए बैंकों के मैनेजमेंट के लिए एक अलग कैडर का गठन होना चाहिए.

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लेबर वेलफेयर स्कीम के लिए ज्यादा बजट की मांग

प्री-बजट मीटिंग में ट्रेड यूनियन ने कहा कि लेबर वेलफेयर स्कीम (Labour Welfare Scheme) के लिए जो बजट जारी होता है उसमें इजाफा किया जाना चाहिए. बता दें कि 2023 का बजट 1 फरवरी को संसद में पेश होगा.