Budget 2023-24: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने मंगलवार को कहा कि भारत का अगला वार्षिक बजट (Budget 2023-24) बहुत ही ध्यान से कुछ इस प्रकार बनाना होगा, जिससे कि देश की वृद्धि की रफ्तार (GDP) कायम रहे. भाषा की खबर के मुताबिक, उन्होंने कहा कि इससे मुद्रास्फीति संबंधी चिंताओं से निपटने में भी मदद मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक (World Bank) की सालाना बैठक में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी पहुंची हैं.

ग्रोथ की प्राथमिकताएं सबसे ऊपर रहेंगी

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खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री ने यहां ब्रुकिंग्स इंस्टीट्यूट में जानेमाने अर्थशास्त्री ईश्वर प्रसाद से बातचीत के दौरान एक सवाल के जवाब में यह बात कही. उनसे अगले वर्ष के बजट को लेकर सवाल पूछा गया था. सीतारमण ने कहा कि आगामी बजट (Budget 2023-24) के बारे में कुछ विशेष बता पाना अभी जल्दबाजी होगा और यह मुश्किल भी है.लेकिन मोटे तौर पर कहें तो ग्रोथ की प्राथमिकताएं सबसे ऊपर रहेंगी. मुद्रास्फीति की चिंताओं से भी निपटना होगा. लेकिन फिर सवाल उठेगा कि आप ग्रोथ को किस प्रकार बरकरार रखेंगे.

बजट के लिए तैयारियां दिसंबर से शुरू हो जाती हैं

फरवरी में पेश किए जाने वाले बजट (Budget 2023-24) के लिए तैयारियां दिसंबर से शुरू हो जाती हैं. उन्होंने कहा कि यही तो देखना है कि इनके बीच संतुलन कैसे बनाया जाए, यह सुनिश्चित किया जाए कि महामारी से उबरकर भारतीय अर्थव्यवस्था ने जो गति पाई है वह अगले साल भी कायम रहे. वित्त मंत्री (Nirmala Sitharaman) ने कहा कि इसलिए इस बजट को बहुत ही ध्यानपूर्वक कुछ इस तरह बनाना होगा कि देश की आर्थिक तरक्की की गति बरकरार रह सके.

स्टार्टअप से बात करने के लिए तैयार 

एक सवाल के जवाब में सीतारमण ने कहा कि सरकार ऐसे स्टार्टअप से बात करने के लिए तैयार है, जो देश से जाने पर विचार कर रहे हैं और उनके मुद्दों का समाधान इस तरह निकालने का प्रयास करेगी, जिससे कि उन्हें देश में ही अपना आधार बनाए रखने में मदद मिले. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद स्टार्टअप से संवाद किया है और सरकारी नीतियों की वजह से अनुकूल माहौल बना है जिसका नतीजा है कि आज भारत में 100 से ज्यादा यूनिकॉर्न हैं.

प्रधानमंत्री और स्टार्टअप के बीच संवाद का दिखा है रिजल्ट

वित्त मंत्री (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने कहा, मैंने प्रधानमंत्री और स्टार्टअप के बीच संवाद करवाया है, यह पता लगाने के लिए कि वे भारत से क्या चाहते हैं. हमने उनकी चिंताओं का समाधान करने का पूरा प्रयास किया है. यही वजह है कि 2020 से 2021 के बीच, महज एक साल में यूनिकॉर्न की संख्या 100 पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि मैंने दूसरों से सुना है कि वे (स्टार्ट-अप) सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात जा रहे हैं. अगर वे भारत सरकार से बात करना करना चाहते हैं और यह कहना चाहते हैं कि हम सिंगापुर जा रहे है लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तो हम खुशी-खुशी यहां रहेंगे तो जो संभव होगा हम करेंगे.