इंश्योरेंस सेक्टर के लिए सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है. जानकारी मिली है कि सरकार बजट में बीमा सेक्टर के लिए बड़ा ऐलान कर सकती है. बताया जा रहा है कि बजट में इंश्योरेंस सेक्टर में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी की जा सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में इंश्योरेंस सेक्टर ने एफडीआई की लिमिट बढ़ाने की मांग की थी. 

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वित्त मंत्रालय और आईआरडीएआई के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीमा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार इनमें विदेशी निवेश की सीमा बढ़ा सकती है. 

इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि भारत में बीमा उद्योग तेजी से बढ़ रहा है. इसमें विस्तार के लिए मौजूदा कंपनियों को अधिक पूंजी की आवश्यकता है. बीमा कंपनियों की जरूरत को पूरा करने के लिए बाहर से आर्थिक मदद मिलनी चाहिए और यह मदद एफडीआई से ही पूरी की जा सकती है. 

 

एफडीआई के लिए मालिकाना और मैनेजमेंट कंट्रोल से जुड़ी शर्तें शामिल हो सकती हैं. इस नियम में सरकार बदलाव कर सकती है. बताया जा रहा है कि सरकार  नियमों में यह बदलाव कर सकती है कि विदेशी निवेश बढ़ने के साथ मालिकाना हक़ भारतीय कंपनियों के हाथ में ही रहेगा.

विदेश कंपनियों के आने से इंश्योरेंस सेक्टर में पोडक्ट और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा मिलेगा. 

100 फीसदी FDI के पक्ष में बीमा कंपनियां (FDI in Insurance Sector)

केंद्र सरकार ने साल 2015 में इंश्योरेंस सेक्टर विदेशी निवेश (FDI) की लिमिट 26 फीसदी से बढ़ाकर 49 फीसदी की थी. सरकार को उम्मीद थी कि इस कदम से इंश्योरेंस सेक्टर में तेजी आएगी. लेकिन घरेलू कंपनियों के पास पैसे के अभाव अभी भी है. पिछले कई सालों सें इस सेक्टर की कंपनियां सौ फीसदी तक एफडीआई (FDI) की मांग कर रही है. नई पूंजी मिलने पर इंश्योरेंस सेक्टर की पहुंच बढ़ाने में मदद मिलेगी.

फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट (Foreign Direct Investment)

किसी एक देश की कंपनी का दूसरे देश में किया गया निवेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेन्ट) कहलाता है. ऐसे निवेश से निवेशकों को दूसरे देश की उस कंपनी के प्रबंधन में कुछ हिस्सा हासिल हो जाता है जिसमें उसका पैसा लगता है. आमतौर पर माना यह जाता है कि किसी निवेश को एफडीआई का दर्जा दिलाने के लिए कम-से-कम कंपनी में विदेशी निवेशक को 10 फीसदी शेयर खरीदना पड़ता है. इसके साथ उसे निवेश वाली कंपनी में मताधिकार भी हासिल करना पड़ता है.

 

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