1 फरवरी, शनिवार के दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट 2020 पेश करेंगी. बजट में देश की आमदनी और खर्च का ब्यौरा होता है. देश के बजट की तरह सभी लोग अपने-अपने घरों का बजट भी तैयार करते हैं. आमदनी और खर्च का लेखा-जोखा तैयार करने भविष्य की प्लानिंग बनाते हैं.

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घर का बजट ऐसा होना चाहिए जिसमें आमदनी अठन्नी होते हुए भी बचत रुपया हो जाए. सुनने में यह अटपटा जरूर लगे, मगर इसे मुमकिन किया जा सकता है. ज़ी बिजनेस की टीम वह टिप्स लेकर आई है जिन पर अमल करके तमाम खर्च काटने के बाद अच्छी बचत की जा सकती है. 

बजट के अहम बिंदु

- वास्तविक इनकम

- महीने का खर्च

- फाइनेंशियल गोल

- बचत

बजट का 50-30-20 रूल होता है. यहां बजट का हिस्सा 50 फीसदी घर की जरूरतों पर, 30 फीसदी परिवार के सदस्यों की चाहत और 20 फीसदी बचत के लिए होता है.

50% जरूरत पर खर्च

- घर का राशन

- किराया

- यूटिलिटी बिल

- बच्चों की पढ़ाई

- ईएमआई

- हेल्थ इंश्योरेंस

30% चाहत पर खर्च

- फिल्म देखना

- पार्लर जाना

- शॉपिंग करना

- हॉबी पूरा करना

- बाहर खाना खाना

20%  बचत

- रिटायरमेंट प्लानिंग

- इमरजेंस फंड

फाइनेंशियल प्लानिंग

फाइनेंशियल प्लानिंग वित्तीय प्रबंधन की एक प्रक्रिया है. लक्ष्यों को पूरा करने की खातिर प्लानिंग की जाती है. जीवन के हर पड़ाव के लिए वित्तीय तैयारी करना ही प्लानिंग कहलाता है. आज प्लानिंग से कल को सुरक्षित बनाया जाता है. 

फाइनेंशियल प्लानिंग के अहम बिंदु कैश फ्लो/बजट, नेट वर्थ का अनुमान, इन्वेस्टमेंट प्लानिंग और टैक्सेशन एडवायजरी होते हैं.

कैश फ्लो

फाइनेंशियल प्लानिंग का ये पहला कदम है. यह फाइनेंशियल प्लानिंग की नींव भी है. आय के सभी स्रोतों की लिस्ट तैयार करें. संभावित खर्चों की भी लिस्ट बनाएं. इससे मासिक बजट का खाका तैयार होगा. कैश फ्लो से खुद की वित्तीय स्थिति पता चलती है. क्या आपकी कमाई ज्यादा है या आय के मुकाबले खर्च ज्यादा हैं, इन सवालों का जवाब कैश फ्लो से मिलता है.

कैश फ्लो

(3 सदस्यों का परिवार) 

मुख्य आय                                    80,000

आय अन्य स्रोत से                        +20,000

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कुल आय                                 1,00,000

मंथली खर्चे                                     

 

हाउसहोल्ड (ग्रोसरी,लॉन्ड्री)                        10,000

यूटुलिटी (फोन,बिजली बिल)                      10,000

स्कूल की फीस                                        05,000

कन्वेयंस                                                10,000                

लाइफस्टाइल                                         10,000  

इंश्योरेंस प्रीमियम                                   05,000      

ईएमआई                                              20,000  

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कुल खर्च                                             70,000

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कुल आय - कुल खर्च                 1,00,000-70,000

सरप्लस                                   = 30,000 रुपये

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महीने का कैश फ्लो 

(3 सदस्यों का परिवार)

आय                                   80,000

आय(अन्य स्रोत)                    20,000

कुल आय                          1,00,000

मंथली खर्चे                                             

हाउसहोल्ड (ग्रोसरी,लॉन्ड्री)               20,000

यूटुलिटी (फोन,बिजली बिल)             20,000

स्कूल की फीस                               05,000

कन्वेयंस                                        20,000              

लाइफस्टाइल                                 20,000 

इंश्योरेंस प्रीमियम                            05000      

ईएमआई                                      20,000  

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कुल खर्च                                1,10,000

कुल आय - कुल खर्च       1,00,000 -1,10,000

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डेफिसिट                            -10,000                        

                             

नेट वर्थ

नेट वर्थ में असेट और लाइबिलिटी आते हैं. 

असेट - लाइबिलिटी = नेट वर्थ.

निजी संपत्ति में से निजी देनदारी घटाएं.

इससे सामने आएगा आपका नेट वर्थ.

असेट में स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, बॉन्ड्स, FD शामिल.

सोना, जिस घर से कमाई हो रही हो आपके असेट हैं.

लाइबिलिटी में सारी देनदारी शामिल.

देनदारी में लोन और क्रेडिट कार्ड बिल आता है.

आपके निजी खर्चे भी इसमें शामिल होते हैं.

जिस घर में रह रहे हैं, वह भी खर्च का हिस्सा.

लक्ष्य और प्लानिंग

आपके लक्ष्य 2 तरह के होने चाहिए.

छोटी अवधि और लंबी अवधि के लक्ष्य.

अवधि पता होने पर प्लानिंग होगी आसान.

वित्तीय लक्ष्यों के लिए इन्वेस्टमेंट प्लानिंग जरूरी है.

लक्ष्यों के हिसाब से सही इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट चुनना.

सही जगह निवेश से लक्ष्य पूरा करने में मदद मिलेगी.

इन्वेस्टमेंट प्लानिंग हमेशा लक्ष्यों के हिसाब से करें.

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टैक्स देनदारी

टैक्स प्लानिंग फाइनेंशियल प्लानिंग का एक अहम हिस्सा.

अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग के लिए टैक्स प्लानिंग जरूरी.

फाइनेंशियल प्रोफाइल और वित्तीय लक्ष्यों को सामने रखें.

इनके आधार पर अलग से टैक्स प्लानिंग करनी चाहिए.

कैसे करें टैक्स प्लानिंग

लक्ष्यों के हिसाब से हो टैक्स प्लानिंग

कहां और कैसे टैक्स बचा सकते हैं?

इस सवाल का जवाब खुद से लें

लक्ष्यों की अवधि को ध्यान रखें

सिर्फ टैक्स बचत के लिए इंश्योरेंस न लें

स्मार्ट टैक्स प्लानिंग करने पर फोकस करें