Budget 2020: मेक इन इंडिया और फंड आफ फंड्स के लिए मिले ₹1,054.97 करोड़
Budget 2020: मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए कुल मिलाकर 1,281.97 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है, जबकि 2019-20 के संशोधित अनुमान में यह आवंटन 651.58 करोड़ रुपये थी.
Budget 2020: सरकार ने स्टार्टअप (Startup) इकाइयों की मदद के लिए फंड आफ फंड्स (Fund of Funds) के लिए 2020-21 के लिए आवंटन बढ़ाकर 1,054.97 करोड़ रुपये कर दिया है. सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए यह कोष (FFS) 10,000 कोष के साथ स्थापित किया था. भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) इस कोष का परिचालन करने वाली एजेंसी है. 2019-20 के संशोधित अनुमान में एफएफएस के लिए आवंटन 431.30 करोड़ रुपये था.
बजट दस्तावेजों के अनुसार स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के लिए आवंटन कुछ घटाकर 50 करोड़ रुपये कर दिया गया है. 2019-20 के संशोधित अनुमान में इसके लिए आवंटन 57.84 करोड़ रुपये था. वहीं दूसरी ओर मेक इंडिया कार्यक्रम के लिए आवंटन में बढ़ोतरी की गई है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, मेक इन इंडिया कार्यक्रम के लिए कुल मिलाकर 1,281.97 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है, जबकि 2019-20 के संशोधित अनुमान में यह आवंटन 651.58 करोड़ रुपये थी.
मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत निवेश प्रोत्साहन के लिए 140 करोड़ रुपये और कारोबार सुगमता को 20 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. केंद्र सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया योजना (Startup India Yojana) शुरू की गई है. इस योजना को शुरू करने का मुख्य मकसद भारत के व्यवसाय को आगे बढ़ाना है. इस योजना से बिजनेस तथा आर्थिक विकास को बढ़ावा दिया जाता है. सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया (Startup India) योजना को आरंभ करने का मुख्य उद्देश्य बेरोजगार युवकों के लिए नए रोजगार के अवसर पैदा करना है.
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इसी तरह मेक इन इंडिया का मकसद भारत में विनिर्माण (मैन्युफैक्चरिंग) को कैसे तेज करते हुए देश को एक ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है. मेक इन इंडिया में एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देने के लिए सबसे महत्वपूर्ण ease of doing business (कारोबार करने की आसानी) पर जोर दिया गया है. कारोबार को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं.