Budget Exclusive : डेबिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर MDR चार्ज पूरी तरह हो सकता है खत्म
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे लोकसभा में बजट 2020 (Budget 2020, #BudgetOnZee ) पेश करेंगी. इस बजट से हर वर्ग को ढेरों उम्मीदें हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 बजे लोकसभा में बजट 2020 (Budget 2020, #BudgetOnZee ) पेश करेंगी. इस बजट से हर वर्ग को ढेरों उम्मीदें हैं. इस बीच जी बिजनेस को एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि डिजिटल ट्रांजैक्शन और कंज्प्शन बढ़ाने के लिए वित्त मंत्री डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन पर लगने वाला MDR (Merchant discount rate) चार्ज पूरी तरह से खत्म कर सकती हैं.
आपको बता दें कि सरकार की प्राथमिकता में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना है. फिलहाल रूपे (Rupay) डेबिट कार्ड और यूपीआई (UPI) से भुगतान पर MDR अभी नहीं लगता है. फिलहाल 2000 रुपये से कम के ट्रांसेक्शन पर MDR चार्ज नहीं लगता है. 2000 रुपए से ज्यादा के ट्रांजेक्शन पर MDR चार्ज 0.60% है. अधिकतम चार्ज प्रति ट्रांजेक्शन 150 रुपये है.
बीते साल नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल पेमेंट (Digital Paymet) को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया था. NPCI ने रूपे डेबिट कार्ड (RuPay Debit Card) से शॉपिंग करने पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) में कटौती की थी. नया एमडीआर 20 अक्टूबर से लागू हो चुका है. एनपीसीआई के इस फैसले से ग्राहक और दुकानदार दोनों को फायदा हुआ है.
2,000 रुपये से अधिक के लेन-देन पर फायदा
NPCI के मुताबिक, 2,000 रुपये से अधिक के लेन-देन पर एमडीआर को बदलकर 0.60 फीसदी किया है. इसमें हर लेनदेन अब ज्यादा से ज्यादा 150 रुपये लिए जाते हैं. मौजूदा समय में यह 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन पर 0.90 फीसदी है.
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क्या होता है एमडीआर
देखा गया है कि कई बार शॉपिंग के दौरान कार्ड पेमेंट को दुकानदार मना कर देते हैं. दुकानदारों का तर्क होता है कि कार्ड से पेमेंट करने पर 2 फीसदी अलग से चार्ज लगेगा. अलग से लिए जाने वाले इस चार्ज को ही एमडीआर कहते हैं. एमडीआर वह शुल्क होता है जो दुकानदार आपसे डेबिट या क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने पर लेता है. दुकानदार की ओर से ली गई रकम का बड़ा हिस्सा क्रेडिट या डेबिट कार्ड जारी करने वाले बैंक को मिलता है. पीओएस मशीन जारी करने वाले बैंक और पेमेंट कंपनी को भी यह पैसा जाता है.