वित्तमंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2020 को बजट 2020 (Budget 2020) पेश करेंगी. बजट से पहल फाइनेंस मिनिस्‍टर ने उद्योग जगत के लोगों से राय ली थी. साथ ही इंडस्‍ट्री एक्‍सपर्ट ने भी वित्‍त मंत्री को कई उपाय करने का सुझाव दिया था ताकि इकोनॉमी तेजी से आगे बढ़े. आपको बता दें कि सीतारमण, वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने सोमवार को हलवा रस्म की थी. यह रस्म बजट 2020-21 से संबंधित दस्तावेजों की छपाई की शुरुआत से जुड़ी है. सीतारमण का अपना दूसरा बजट पेश करेंगी.

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क्‍यों होंगे नजरबंद

सरकार हर साल बजट पेश होने से पहले पारंपरिक हलवा सेरेमनी का आयोजन करती है. हलवा वित्‍त विभाग के अफसरों और कर्मचारियों में बांटा जाता है. इसके बाद बजट को छपाई के लिए भेजा जाता है. इस दौरान बजट से जुड़े करीब 100 कर्मचारियों को प्रिंटिंग प्रेस में रहना पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है ताकि बजट संसद में पेश होने से पहले कोई बाहरी व्‍यक्ति उनसे संपर्क न कर सके और जानकारी लीक न हो. वित्त मंत्री के बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है.

इस दौरान डॉक्टरों की टीम मंत्रालय दफ्तर में ही रहती है. ऐसा इसलिए ताकि कर्मचारी के बीमार पड़ने पर उसका इलाज हो सके. सरकार के Cyber सिक्योरिटी सेल और खुफिया विभाग (IB) कोई भी खबर बाहर लीक न होने पाए, इसका ध्‍यान रखते हैं. मंत्रालय में पावरफुल जैमर भी लगाए जाते हैं. ताकि कोई फोन या दूसरी डिवाइस काम न करे.

बजट की छपाई जब चल रही होती है तब वित्त मंत्रालय में कोई बाहर का व्‍यक्ति नहीं आ सकता. अगर किसी का आना जरूरी है तो उन्हें कड़ी निगरानी में अंदर भेजा जाता है. सभी सरकारी दस्तावेज गवर्नमेंट प्रेस में छपते हैं. पर बजट डॉक्युमेंट नार्थ ब्लॉक के बेसमेंट में स्थित प्रिंटिंग प्रेस में छपता है. छपाई में इस्तेमाल कम्प्यूटर को इंटरनेट और NIC के सर्वर से अलग कर दिया जाता है, ताकि कोई साइबर-थैफ्ट न हो सके.

5 जुलाई को पेश किया था पहला बजट

निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को अपना पहला बजट पेश किया था. लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार 2.0 में निर्मला सीतारमण को वित्‍त मंत्रालय (Finance Ministry) का जिम्‍मा दिया गया था. लोकसभा चुनाव से पहले फरवरी 2019 में तत्कालीन वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट पेश किया था.