हलवा सेरेमनी के साथ शुरू हुई बजट दस्तावेजों की छपाई, कमरे में बंद हुए 100 अधिकारी
Budget 2020: 20 जनवरी से लगभग 100 से अधिक अधिकारी वित्त मंत्रालय में बजट बनाने में लग गए हैं. बजट पेश होने से लगभग एक सप्ताह पहले से तो इन लोगों को 24 घंटे नॉर्थ ब्लॉक में ही गुजारना पड़ता है.
Budget 2020: बजट 2020 की तैयारियां आज से शुरू हो चुकी हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के आम बजट की छपाई की शुरुआत आज हुए हलवा सेरेमनी के साथ ही शुरू हो गई. वित्त मंत्रालय में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हलवा सेरेमनी (Halwa ceremony) के रस्म की शुरुआत की. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को आम बजट पेश करेंगी. नॉर्थ ब्लॉक में हलवा बनाने की रस्म का आयोजन किया गया. इस मौके पर मंत्रालय के कई अधिकारी मौजूद रहे. इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) भी मौजूद थे. हर साल बजट के लिए उसके दस्तावेजों की छपाई से पहले हलवा बनाने की परंपरा चली आ रही है. हलवा तैयार होने के बाद इसे वित्त मंत्री समेत अन्य मंत्रियों और अधिकारियों में बांटा जाता है. सामान्य तौर पर हलवा बनाने की रस्म में बजट बनाने में काम करने वाले अधिकारी ही काम करते हैं.
100 अधिकारी और कर्मचारी करेंगे ये काम
20 जनवरी से लगभग 100 से अधिक अधिकारी वित्त मंत्रालय में बजट बनाने में लग गए हैं. बजट पेश होने से लगभग एक सप्ताह पहले से तो इन लोगों को 24 घंटे नॉर्थ ब्लॉक में ही गुजारना पड़ता है. एक बार काम शुरू होने के बाद इन अधिकारियों को वित्त मंत्री द्वारा लोक सभा में बजट पेश करने के बाद ही नॉर्थ ब्लॉक से बाहर जाने की इजाजत मिलती है.
गोपनीय तरीके से होती है छपाई
बजट बनाने के बाद बजट की छपाई भी एक बेहद गोपनीय प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के काफी जाटिल होने के चलते ही हल्का माहौल बनाने के लीए हलवा सेरेमनी का आयोजन होता है. बजट छपाई की प्रक्रिया से जुड़े अधिकारी व कर्मचारी 10 दिनों के लिए पूरी दुनिया से कटे रहते हैं. बजट बनाने का काम कर रहे 50 अधिकारियों और कर्मचारियों को घर जाने की भी इजाजत नहीं होती है. वित्त मंत्री और बेहद वरिष्ठ अधिकारियों को ही घर जाने की इजाजत होती है.
बेहद सुरक्षा के बीच होता है ये काम
बजट बनाने की प्रक्रिया के दौरान सुरक्षा व्यवस्था काफी चाक चौबंद होती है. किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश वित्त मंत्रालय में नहीं होता है. बजट बनाने में लगे कर्मचारी और अधिकारी किसी बाहरी व्यक्ति से भी नहीं मिल सकते हैं. अगर किसी विजिटर का आना बहुत जरूरी है तो उन्हें सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में अंदर भेजा जाता है.
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मोबाइल पर भी लगी होती है रोक
बजट बनाने के दौरान काम कर रहे अधिकारी और कर्मचारी मोबाइल का भी इस्तेमाल नहीं करते हैं. इन 10 दिनों तक मंत्रालय के अंदर कोई भी मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. केवल लैंडलाइन फोन के जरिए ही बातचीत हो पाती है. जिन कंप्यूटरों पर बजट डॉक्यूमेंट होता है, उनसे इंटरनेट और एनआईसी के सर्वर को डिलिंक कर दिया जाता है. इससे किसी भी प्रकार की हैकिंग का डर नहीं रहता है. इन कंप्यूटरों को केवल प्रिंटर और छपाई मशीन से कनेक्ट करके रखा जाता है.