Budget 2020: कंपनियों को मिल सकती है बड़ी राहत, डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटाने की तैयारी
केवल शेयरहोल्डर को ही डिविडेंड पर टैक्स भरना होगा. वह भी शेयरहोल्डर अपनी आमदनी के स्लैब के हिसाब से ही टैक्स भरेंगे.
सरकार बजट 2020 (Budget 2020) में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स (Dividend distribution tax) हटाकर कंपनियों को बड़ी राहत दे सकती है. सूत्रों के मुताबिक, डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स के बदले बजट में डिविडेंड विदहोल्डिंग टैक्स लाया जा सकता है, कंपनियां डिविडेंड के हिस्से में से 20 फीसदी रकम TDS की तरह काटकर ही शेयरहोल्डर को रकम आगे ट्रांसफर करेंगी.
डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन (Dividend) पर फिलहाल 20 फीसदी की रकम कंपनियां अदा करती हैं. अगर डिविडेंड की रकम 10 लाख रुपये से ज्यादा हो तो उस पर 10 फीसदी की दर से शेयरहोल्डर के हाथ में भी टैक्स लगता है. लेकिन बजट में जो प्रस्ताव लाया जा रहा है उसके मुताबिक, केवल शेयरहोल्डर को ही डिविडेंड पर टैक्स भरना होगा. वह भी शेयरहोल्डर अपनी आमदनी के स्लैब के हिसाब से ही टैक्स भरेंगे. और आमदनी के आधार पर अगर रिफंड बनता है तो रिफंड भी ले सकेंगे.
लंबे समय से उठ रही है मांग
कंपनियां लंबे समय से मांग कर रही हैं कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स उन पर दोहरी मार है. क्योंकि कंपनी पहले अपने मुनाफे पर टैक्स भरती है फिर, जब डिविडेंड देती है तो डिविडेंड की रकम पर टैक्स भरना पड़ता है. बाद में 10 लाख से ज्यादा डिविडेंड होने पर शेयरहोल्डर पर भी 10 फीसदी टैक्स भरने की जिम्मेदारी आती है. कंपनियों ने इसको लेकर वित्त मंत्रालय के सामने कई बार मांग रखी.
वित्त मंत्रालय में भी इसे हटाने को लेकर टॉप लेवल से सहमति रही है. क्योंकि इसे पिछड़ेपन वाला टैक्स सिस्टम माना जाता है. साउथ अफ्रीका और जर्मनी जैसे देशों में पहले से ही डिविडेंड विदहोल्डिंग टैक्स का नियम है. भारत में डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स का नियम 1997 में लाया गया था.
अंदर की बात
दरअसल डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटने से कंपनियों का मुनाफा बढ़ेगा. क्योंकि डिविडेंड पर टैक्स का बोझ शेयरहोल्डर के खाते में जाएगा. कंपनियां केवल इसे TDS की तरह इकट्ठा कर सरकार को जमा करने का काम करेंगी. इससे सरकार की आमदनी में कमी आने के आसार नहीं हैं.
एक्सपर्ट नज़रिया
जाने-माने टैक्स एक्सपर्ट टी. पी. ओस्तवाल मानते हैं कि डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटना बहुत पॉजिटिव होगा. छोटे निवेशकों के लिए अच्छा होगा और कंपनियों के लिए भी फायदेमंद होगा. निवेशकों पर ये इनकम स्लैब के हिसाब से टैक्स लगना चाहिए. जो विदेशी कंपनियां टैक्स ट्रीटी के तहत होंगी वो अपने देश में यहां अदा किए गए टैक्स पर छूट भी ले सकेंगी.
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डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स हटना शेयर बाज़ार का मूड बेहतर करने वाला होगा. साथ ही कंपनियों का मुनाफा भी बढ़ेगा. सेंटिमेंट बेहतर होने पर इकोनॉमी में निवेश बढ़ने की भी उम्मीद बढ़ेगी.