वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि देश की स्थापित सौर उत्पादन क्षमता में पिछले पांच सालों में 10 गुणा की बढ़ोतरी हुई है, इसलिए ई-वाहनों सहित हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जा रहा है. लोकसभा में अंतरिम बजट 2019-20 प्रस्तुत करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता अंतर्राष्ट्रीय सोलर एलायंस की स्थापना से प्रतिबिंबित होती है. यह सेक्टर लाखों नई नौकरियों का सृजन कर रहा है."

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उन्होंने कहा कि भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के माध्यम से दुनिया के परिवहन क्रांति का अगुवा होगा और एनर्जी स्टोरेज डिवाइसें आयात निर्भरता को कम करते हैं और हमारे देश की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि जब देश को विदेशों से ईंधन और गैस का आयात नहीं करना होगा, तो नवीनकरणीय ऊर्जा के स्त्रोतों में तेजी से वृद्धि होगी. जब लोग इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल शुरू कर देंगे. इससे विदेशी मुद्रा की बचत होगी और देश आत्मनिर्भर बन जाएगा.

पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है कि बजट में प्रदूषित हवा और नदियों के साथ ही प्रदूषित शहरों की सफाई के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया है.

यहां तक कि क्लाइमेट ट्रांसपैरेंसी की भारतीय गैर-लाभकारी संस्था द एनर्जी एंड रिसोर्स इंस्टीट्यूट (टेरी) की भागीदारी में तैयार नवीनतम 2018 'ब्राउन टू ग्रीन' रिपोर्ट में भी चेताया गया है कि भारत की क्षेत्रीय नीतियां "अभी भी 2015 के पेरिस जलवायु परिवर्तन समझौते के अनुरूप नहीं है, लेकिन नवीकरणीय बिजली को लेकर देश की महत्वाकांक्षी नीति एक आशाजनक संकेत है.

कार्यान्वित नीतियों के आधार पर, भारत के ग्रीनहाऊस गैसों का उत्सर्जन (जीएचजी) साल 2030 तक बढ़कर 4,469 से 4,570 एमटीसीओ2ई (मीट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड के समकक्ष) होने का अनुमान है. 

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्र की स्थापना सितंबर 2018 में 75 गीगाबाट्स तक की थी, जो कि कुल स्थापित क्षमता का 21 फीसदी है. इससे सितंबर 2018 तिमाही में कुल बिजली का 11.9 फीसदी उत्पादन हुआ, जोकि रिकार्ड उत्पादन है.