Budget 2019 : केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारामण ने शुक्रवार को लोकसभा में 2019-20 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने और कर्ज को प्रोत्साहन देने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 70,000 करोड़ रुपये की पूंजी दी जाएगी. 

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Budget 2019 : उन्होंने कहा, "बैंक तकनीक का उपयोग करके ऑनलाइन व्यक्तिगत ऋण और घर पर बैंकिंग सुविधा प्रदान करेंगे. सार्वजनिक क्षेत्र के 1 बैंक का ग्राहक सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों की सुविधा का लाभ लेने में सक्षम होगा. वर्तमान में बैंक खाताधारक के खाते में कोई भी व्यक्ति रकम जमा कर सकता है. इस पर खाताधारक का कोई नियंत्रण नहीं होता. सरकार ऐसे खाताधारकों को सशक्त बनाने के लिए कदम उठाएगी. सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रशासन को मजबूत करने के लिए सुधार करेगी."

Budget 2019 : उन्होंने कहा, "बैंकिंग प्रणाली को दोषरहित बनाने के प्रयासों के वित्तीय लाभ मिलने लगे हैं. पिछले वर्ष वाणिज्यिक बैंकों के फंसे कर्ज में एक लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. IBC (दिवालिया कानून) तथा अन्य उपायों के कारण बैंकों ने चार लाख करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं. सुविधा कवरेज अनुपात सात वर्षो में अपने उच्चतम स्तर पर है. घरेलू ऋण बढ़कर 13.8 प्रतिशत हो गया है."

वित्तमंत्री ने कहा, "गैर-बैंकिंग वित्तीय कम्पनियां (एनबीएफसी) उपभोग मांग को बनाए रखने तथा छोटे और मध्यम औद्योगिक क्षेत्र में पूंजी निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं. मजबूत एनबीएफसी को बैंकों और म्यूचुअल फंडों से कोष प्राप्त होता है. वित्तीय रूप से मजबूत एनबीएफसी के उच्च श्रेणी वाले सम्मिलित परिसम्पत्तियों (मूल्य चालू वित्त वर्ष में 1 लाख करोड़) को खरीदने के लिए सरकार ने पहली बार 10 प्रतिशत तक के घाटे के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एक बार छह महीने का आंशिक ऋण गारंटी देने का प्रस्ताव दिया है."

भारतीय रिजर्व बैंक एनबीएफसी का नियामक है, परन्तु आरबीआई को एनबीएफसी पर सीमित नियामक प्राधिकरण है. वित्त विधेयक में आरबीआई के नियामक प्राधिकरण को मजबूती प्रदान करने के लिए समुचित प्रस्ताव दिए गए हैं.