वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा है कि लाभांश वितरण कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि उन्होंने बताया कि बायबैक पर ग्रैंडफादरिंग टैक्स के मसले पर राजस्व विभाग से विचार-विमर्श किया जाएगा. बजट में कराधान संबंधी उपायों में जिन अहम बदलावों से बाजार प्रभावित हुआ है उनमें सूचीबद्ध कंपनियों के लिए बायबैक कर संबंधी प्रावधान शामिल है. प्रारंभ में इस प्रावधान को लाभांश घोषणा मार्ग के बजाय बायबैक मार्ग के जरिए गैर-सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा संचित लाभ के वितरण पर रोक लगाने के उपाय के रूप में शामिल किया गया था. 

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वित्त सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने बजट पर चर्चा के लिए आयोजित सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा, "लाभांश वितरण कर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. और इसमें बदलाव की कोई योजना नहीं है. मैं ग्रैंडफादरिंग बायबैक कर के बारे में बताने की स्थिति में नहीं हूं, लेकिन इस पर राजस्व विभाग से विचार किया जा सकता है."

सरकार ने लाभांश वितरण कर से बचने वालों पर रोक लगाने के लिए बजट में बायबैक मार्ग पर कर लगा दिया. गर्ग ने कहा, "लाभांश वितरण कर रहेगा. इसमें बदलाव की कोई योजना नहीं है. लेकिन एक तरीका है कि अगर आप आरईआईटी और वीआईटी (रियल स्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट या इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) में निवेश करते हैं तो इस कर से बचाव का मार्ग है. अगर यह निवेश केंद्रित है तो आपके लिए डीडीटी से बचने का रास्ता है."