बजट (Budget 2019) पेश होने में कुछ ही घंटे बचे हैं. बजट के ब्रीफकेस से क्या निकलेगा, यह तो शुक्रवार को ही पता चलेगा, लेकिन टैक्सपेयर को इस बार के बजट से काफी उम्मीदे हैं. टैक्सपेयर को बचत पर ज्यादा फायदा और कमाई पर कम टैक्स की उम्मीद है, तो क्या इस बार टैक्स छूट का दायरा बढ़ेगा? क्या 80C की लिमिट बढ़ेगी? क्या कॉरपोरेट टैक्स घटेगा? 'जी बिजनेस' के खास कार्यक्रम 'मनी गुरु' में टैक्‍स एक्‍सपर्ट सुनील गर्ग और मनीष गुप्ता ने बताया कि बजट से टैक्सपेयर को उम्मीद है कि टैक्स छूट बढ़ाई जाए, टैक्स स्लैब बदले, सेक्शन 80C की लिमिट बढ़े, LTCG टैक्स हटे, निवेश पर ज्यादा टैक्स छूट मिले, होम लोन का बोझ कम हो, कॉरपोरेट टैक्स घटाया जाए और कारोबार करना आसान बनाया जाए.

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मध्य वर्ग की उम्मीदें

> टैक्स स्लैब में बदलाव करें वित्त मंत्री 

> 5 लाख रुपए तक की टैक्सेबल इनकम पर अभी छूट है

> अंतरिम बजट में छूट की घोषणा की गई थी

> अंतरिम बजट में स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ

> 5 लाख रुपए से ज्यादा आय वाले 20% टैक्स स्लैब में

क्या हो सकती है घोषणा?

> वित्त मंत्री इस बजट में दे सकती हैं बड़ी राहत

> बजट में आ सकता है 10% का नया टैक्स स्लैब

> 5 लाख से 10 लाख रुपए तक है टैक्सेबल इनकम

> 10% टैक्स स्लैब का मिल सकता है फायदा 

मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट बढ़े

> मेडिकल इंश्योरेंस की मौजूदा लिमिट 25,000 रुपए है 

> सेक्शन 80D में मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट है   

> मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम लगातार बढ़ रहा है

> मेडिकल इंश्योरेंस पर छूट 50,000 रुपए तक हो

गंभीर बीमारियों पर छूट बढ़े

> गंभीर बीमारियों के लिए भी छूट मिलती है 

> सेक्शन 80DDB में है 40,000 रुपए की छूट  

> गंभीर बीमारियों के लिए छूट बहुत कम है 

> बजट में गंभीर बीमारियों के लिए छूट बढ़े 

> लिमिट कम से कम 1 लाख रुपए होनी चाहिए 

वेतनभोगी कर्मचारी की उम्मीदें

> वेतनभोगी कर्मचारियों पर कम हो टैक्स का बोझ

> कर्मचारी नौकरी बदलता है तो नोटिस देना होता है

> नौकरी बदलने से पहले 1 से 3 महीने का नोटिस

> नया इम्प्लॉयर ज्वाइन करने के लिए 1 माह देता है

> 3 माह के नोटिस वाले कर्मचारी को दोहरा नुकसान

> इम्प्लॉयर दो महीने की सैलरी भी काटता है 

> नोटिस पर कटने वाली सैलरी पर टैक्स भी लगता है 

> वेतनभोगियों को टैक्स के मोर्चे पर मिले राहत 

> नोटिस के दौरान कटने वाली आय पर न लगे टैक्स

महिलाओं की क्या है उम्मीदें?

> सेक्शन 64 के 'क्लबिंग वर्जन' से मिले छुटकारा

> एक ही फर्म में पति-पत्नी पार्टनर होने पर होता है लागू

> पार्टनर होने पर पत्नी की आय भी पति के साथ जुड़ती है 

> पति ने पत्नी को कुछ पैसे गिफ्ट किए

> गिफ्टेड पैसे से इनकम भी पति की आय में जुड़ती है 

> महिलाएं मौजूदा व्यवस्था में चाहती हैं बदलाव

बचत पर छूट मिले

> ज्यादातर महिलाएं सेविंग्स बैंक डिपोजिट में रखती हैं

> सीनियर सिटीजन को इन डिपोजिट पर मिलती है छूट

> सेक्शन 80TTB के तहत मिलती है `50,000 की छूट 

> महिलाओं की मांग-उन्हें भी मिले 80TTB का फायदा

छोटे कारोबारियों की बजट से उम्मीदें

> ज्यादातर छोटे व्यापारी प्रोप्राइटरशिप फर्म चलाते हैं 

> प्रोप्राइटरशिप फर्म के रजिस्ट्रेशन का कोई कानून नहीं

> पार्टनरशिप फर्म को रजिस्टर करवाने के नियम हैं 

> प्रोप्राइटरशिप फर्म के लिए भी कानून होना चाहिए

यंग प्रोफेशनल्स की उम्मीदें

> प्रोफेशनल्स को कुल आय के 50% पर टैक्स देना होता है 

> सेक्शन 44ADA के तहत टैक्स लगता है 

> प्रोफेशनल्स की मांग है- 35% पर टैक्स लगना चाहिए

स्टार्टअप की उम्मीदें

> स्टार्टअप्स को सेक्शन 80IAC के तहत छूट मिलती है

> सेक्शन 80IAC में बदलाव की तुरंत जरूरत है 

> ज्यादातर स्टार्टअप्स LLP फर्म के जरिये काम करते हैं 

> LLP पर टैक्स दर 30% है 

> 250 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली फर्म पर टैक्स दर 25 % है 

> स्टार्टअप LLP की दर भी 25 % होने की उम्मीद है

इंडस्ट्री एसोसिएशन की क्या है उम्मीदें?

> डायरेक्ट टैक्स कोड 2010 से लंबित पड़ा है 

> इस साल डायरेक्ट टैक्स कोड लागू हो 

> इनकम टैक्स कानून को सरल बनाया जाए 

> मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स का रेट कम हो 

> डिविडेंड देने पर कंपनी को दोगुना टैक्स देना पड़ता है  

> डिविडेंड से जुड़े कानून में बदलाव की जरूरत है 

हाउसिंग सेक्टर की उम्मीदें

> हाउसिंग सेक्टर अपने बुरे दौर से गुजर रहा है 

> सबसे ज्यादा नौकरियां हाउसिंग सेक्टर देता है

> हाउसिंग लोन के ब्याज पर 2 लाख रुपए की छूट है 

> ब्याज पर 2 लाख की छूट 2.50 लाख रुपए हो

> 80EE में पहला घर खरीदने की समय सीमा बढ़े 

सेक्शन 80C की लिमिट बढ़े 

> सेक्शन 80C के तहत कुल 1.50 लाख रुपए की छूट है

> 80C में टैक्स छूट पाने के लिए कई विकल्प मौजूद

> 2003 में 80C आया, 2014 में बढ़ाई गई टैक्स छूट

> 2014 से अब तक 80C लिमिट नहीं बढ़ाई गई है

80C के तहत निवेश के विकल्प

> Public Provident Fund (PPF)

> Employee Provident Fund (EPF)

> National Saving Certificate (NSC)

> Sukanya Samriddhi Yojanana (SSY)

> Equity Linked Saving Scheme (ELSS),

> Fixed deposits (5 साल)

> लाइफ इंश्योरेंस 

> बच्चों की ट्यूशन फीस

सेक्शन 87A में हो बदलाव

> इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत छूट

> मौजूदा समय में 12500 रुपए की टैक्स छूट मिलती है 

> टैक्स छूट लेने के बाद अगर कुल आय 5 लाख रुपए तक

> सेक्शन 87A का फायदा इन्हीं टैक्सपेयर्स को मिलेगा

सेक्शन 87A में हो बदलाव

> लिस्टेड इक्विटी शेयर के ट्रांसफर/सेल पर LTCG है

> LTCG पर आपने STT भरा है

> LTCG- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन

> STT- सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स

> सेक्शन 87A के तहत टैक्स रीबेट नहीं मिलता

> शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर रीबेट है 

> LTCG पर भी 87A का फायदा मिलना चाहिए 

STCG पर टैक्स छूट मिले

> लिस्टेड इक्विटी शेयर के मुकाबले अन्य शेयर्स पर STCG है

> STCG पर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है 

> आय 5 लाख रुपए से ज्यादा नहीं तो 15% टैक्स देना पड़ेगा 

> LTCG पर मार्जिनल स्लैब रेट से ज्यादा टैक्स ना लगे