इंडस्ट्री संगठन एसोचैम ने बजट में वित्त मंत्री से लिक्विडिटी संकट को दूर करने के उपाय करने की अपील की है. एसोचैम के प्रेसिडेंट बालकृष्ण गोयनका ने ज़ी बिज़नेस से कहा कि सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स पांच प्रतिशत तक घटाना चाहिए. उनका कहना है कि जिस हिसाब से मोदी सरकार जबरदस्त बहुमत के साथ सत्ता में आई है, मुझे लगता है कि पहले 15 दिन में जो उन्होंने 100 दिनों का जो एजेंडा बनाया है उससे ये बजट अगले पांच सालों के लिए नया फाउंडेशन रखेगा कि कैसे हमारी इकोनॉमी 5 ट्रिलियन की बने. उन्होंने कहा कि मुझे इस बजट से काफी उम्मीद है.

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इंडस्ट्री के सामने की चुनौतियों के सवाल पर उन्होंने कहा कि आज इंडस्ट्री के सामने लिक्विडिटी सबसे बड़ा चैलेंज है. कैसे इस दिक्कत को कम किया जाए? इसमें बैंकिंग विषय है, एनबीएफसी मुद्दा है. बॉन्ड मार्केट एक तरह से रुक गया है. आज कॉर्पोरेट बॉन्ड की बात तो छोड़िये, यहां तक कि पीएसयू बॉन्ड भी डिस्काउंट पर बिक रहा है. इसके लिए एक मार्केट क्रिएट करना पड़ेगा. इसके लिए सरकार और आरबीआई को कुछ सोचना पड़ेगा. 

कॉर्पोरेट टैक्स के सवाल पर उन्होंने कहा कि टैक्स हमेशा से एक मुद्दा रहता है. जैसे इंडिया में इक्विटी में सबसे ज्यादा टैक्स है. कॉर्पोरेट टैक्स कम किया जाए ताकि इन्वेस्टमेंट का माहौल बने. लेकिन सरकार को भी अपना राजकोषीय घाटा देखना है. एसोचैम ने यह सुझाव दिया कि कॉर्पोरेट टैक्स को 5 प्रतिशत कम किया जाए और वो पांच प्रतिशत दो साल में इंडस्ट्री को वापस इन्वेस्ट करना होगा. इससे डेफ्थ बढ़ेगा और बाजार में नौकरियां जेनरेट होंगी.