Auto components industry: भारत का ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2022-23 की पहली छमाही में 34.8 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2.65 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया. भारतीय वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ (एक्मा) ने बुधवार को यह जानकारी दी. संघ ने कहा कि खासतौर से पैसेंजर व्हीकल्स के सेगमेंट से अच्छी डिमांड रही. भाषा की खबर के मुताबिक, एक्मा ने कहा कि इस दौरान कलपुर्जों (Auto components industry in India) का निर्यात 8.6 प्रतिशत बढ़कर 10.1 अरब डॉलर (79.03 लाख करोड़ रुपये) पर पहुंच गया, जबकि आयात 17.2 प्रतिशत बढ़कर 10.1 अरब डॉलर था.

पैसेंजर्स व्हीकल्स में शानदार ग्रोथ

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खबर के मुताबिक, एक्मा के अध्यक्ष संजय कपूर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संवाददाताओं से कहा कि हमने पैसेंजर्स व्हीकल्स और कॉमर्शियल व्हीकल्स में शानदार ग्रोथ देखी है. त्योहारी सत्र दोपहिया वाहनों के लिए काफी सकारात्मक रहा है और हमें उम्मीद है कि इस खंड में वृद्धि एक बार फिर पटरी पर आ जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि सेमीकंडक्टर की कमी, कच्चे माल की लागत और कंटेनरों की अनुपलब्धता जैसी आपूर्ति पक्ष की बाधाओं में सुधार से चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में अच्छी ग्रोथ हुई.

कमाई का 47 प्रतिशत हिस्सा पैसेंजर्स व्हीकल्स से

संघ के महानिदेशक विन्नी मेहता ने कहा कि पहली छमाही में ओईएम को सप्लाई के लिए हमारी कमाई का 47 प्रतिशत हिस्सा यात्री वाहनों से आया, जबकि पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 38 प्रतिशत था. भारत में ऑटो पार्ट्स इंडस्ट्री (Auto components industry in India) एक बहुत बड़ी इंडस्ट्री है. मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और महिंद्रा सहित कई विदेशी कार मैनुफैक्चरर इन कंपनियों के क्लाइंट्स हैं. 

भारत की जीडीपी में 2.3% की हिस्सेदारी

ऑटो पार्ट्स उद्योग (Auto components Industry in India) का भारत के सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी में 2.3% का योगदान है और इसने 15 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान किया है. आईबीईएफ के मुताबिक, साल 2026 तक, ऑटोमोबाइल कम्पोनेंट क्षेत्र भारत के सकल घरेलू उत्पाद का 5-7% योगदान देगा.

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