मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में फिर लौटेगी बहार, सरकार कर सकती है पैकेज का ऐलान
Coronavirus mahamari के कारण कारोबारी गतिविधियां ठप सी हो गई हैं. बाजार में डिमांड घटने से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का बुरा हाल है. सरकार इस सेक्टर में तेज ग्रोथ के लिए काम कर रही है.
Coronavirus mahamari के कारण कारोबारी गतिविधियां ठप सी हो गई हैं. बाजार में डिमांड घटने से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र का बुरा हाल है. सरकार इस सेक्टर में तेज ग्रोथ के लिए काम कर रही है. इसके लिए सरकार जल्द ही नया पैकेज लाने जा रही है. वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह फौरी मदद बीते दिनों सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के अतिरिक्त होगी.
कोरोना वायरस (Coronavirus) के प्रकोप से निपटने और अर्थव्यवस्था को बूस्ट करने के मकसद से सरकार ने हाल ही में आत्मनिर्भर भारत अभियान ( Atma Nirbhar bharat abhiyan) के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया था.
आर्थिक मामलों के विभाग में सचिव तरुण बजाज ने बताया कि देश में मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सरकार विभिन्न सेक्टरों को प्रोत्साहन देने पर विचार कर रही है. कोरोना महामारी से मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार विभिन्न सेक्टरों को वित्तीय पैकेज देने पर विचार कर रही है.
उद्योग संगठन फिक्की (Ficci) की एनुअल कैपिटल मार्केट कान्फ्रेंस 'सीएपीएम-2020' के विशेष सत्र में बजाज ने कहा कि कोरोना संकट के बाद देश में V आकार की रिकवरी यानी तेजी से रिवकरी देखने को मिल सकती है. कोविड-19 के कारण पैदा हुई आर्थिक सुस्ती से उबरने के लिए कृषि (Agriculture) पर निर्भरता अब पहले के मुकाबले ज्यादा बढ़ गई है. कृषि क्षेत्र के विकास का असर मैन्युफैक्चरिंग और FMCG सेक्टर पर भी पड़ेगा.
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उनके मुताबिक प्राइवेटाइजेशन तेज करने के लिए ज्यादा फंड चाहिए. इसके लिए ऊर्जा, सड़क, रेल और जहाजरानी जैसे विभागों से बातचीत कर रहे हैं. बांड बाजार को मजबूत करने की कोशिशों के साथ इसमें विदेशी निवेशकों को निवेश करने की पूरी इजाजत दी गई है.