नए टेलीकॉम बिल को लेकर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इससे इंडस्ट्री के लिए रीस्ट्रक्चरिंग और इनोवेशन को बढ़ावा देने का स्पष्ट रोडमैप तैयार होगा.  उन्होंने गुरुवार को एक इवेंट में बोलते हुए कहा कि अगले डेढ़ से 2 साल में सरकार को डिजिटल रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को पूरी तरह बदलने में सक्षम होना चाहिए. 

सरकार को बदलाव करने में सक्षम होना चाहिए

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आगे उन्होंने कहा कि कई बार कारोबारी वातावरण, टेक्नोलॉजी बदलाव और अन्य के कारण इंडस्ट्री कई अलग-अलग फेज से गुजरी. ऐसे में रीस्ट्रक्चरिंग की आवश्कता है. इसमें नए बिल से मदद मिलेगी. अगर रीस्ट्रक्चरिंग होती है तो इससे कई बदलाव होंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें यह जिम्मा दिया है कि भारत का डिजिटल लीगल फ्रेमवर्क ग्लोबल बेंचमार्क पर होना चाहिए. हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि दुनिया में जहा सबसे अच्छे फ्रेमवर्क की नकल की जाए. यह बहुत बड़ा कदम होगा, लेकिन असंभव नहीं.

OTT भी टेलीकॉम सर्विस का हिस्सा होगा

ड्राफ्ट टेलीकम्युनिकेशन बिल 2022 के मुताबिक  व्हाट्सएप, जूम और गूगल डुओ जैसी बड़ी कंपनियों को देश में कॉलिंग और मैसेजिंग सर्विसेस के लिए लाइसेंस की जरूरत होगी. नए ड्राफ्ट बिल में OTT को भी टेलीकम्युनिकेशन सर्विसेस में शामिल किया गया है. बिल में सरकार ने टेलीकॉम और इंटरनेट सर्विस कंपनियों की फीस माफी और पेनाल्टी को भी शामिल किया है. इसके अलावा मंत्रालय ने  टेलीकॉम और इंटरनेट कंपनियों के लाइसेंस सरेंडर करने पर फीस रिफंड की भी व्यवस्था की है.

अगला 25 साल ग्रोथ का होगा

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अगले 25 साल की अवधि विकास का होगा. इसके लिए निवेश प्राइमरी टूल होंगे. साथ ही मैन्युफैक्चरिंग, इनोवेशन और शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे सोशल इंफ्रा में नियमों और संशोधन को आसान करने पर फोकस होगा.