केंद्रीय वित्‍त मंत्री अरुण जेटली ने आरबीआई (RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन के लोन संकट पर दिए बयान पर निशाना साधा है. उन्‍होंने कहा है कि समय पर कार्रवाई करने की तुलना में पोस्टमार्टम करना आसान होता है. राजन ने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र में अगला संकट एमएसएमई क्षेत्र के कर्ज को लेकर आएगा. राजन अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के मुख्य अर्थशास्त्री रह चुके हैं और उन्होंने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बारे में भविष्यवाणी की थी. संसद की एक समिति को दिए नोट में राजन ने महत्वाकांक्षी ऋण लक्ष्य और कर्ज माफी को लेकर आगाह किया है. 

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राजन के बयान पर प्रतिक्रिया में वित्त मंत्री ने कहा, 'मेरा मानना है कि किसी के लिए भी पोस्टमार्टम करना उस मामले में जब जरूरी हो समय पर कार्रवाई करने की तुलना में कहीं आसान होता है.' राजन ने नोट में कहा, 'सरकार को अगले संकट वाले स्रोतों पर ध्यान देना चाहिए, सिर्फ आखि‍री एक पर नहीं. विशेष रूप से सरकार को महत्वाकांक्षी ऋण लक्ष्य या कर्ज माफी से बचना चाहिए. कई बार ऋण का लक्ष्य उचित जांच परख की प्रक्रिया के बिना हासिल किया जाता है, जिससे भविष्य में गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) होने की संभावना बनती है.' 

वरिष्ठ भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अगुवाई वाली समिति को भेजे नोट में राजन ने कहा, 'मुद्रा ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड लोकप्रिय हैं, लेकिन संभावित ऋण जोखिम को लेकर इनकी समीक्षा की जानी चाहिए.' इसके साथ ही राजन ने कहा था कि सिडबी द्वारा संचालित एमएसएमई के लिए ऋण गारंटी योजना (सीजीटीएमएसई) की भी तत्काल समीक्षा किए जाने की जरूरत है. 

राजन ने यह भी कहा था कि बैंकिंग धोखाधड़ी से संबंधित कुछ बड़े मामलों को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के पास कार्रवाई को भेजा गया था. राजन सितंबर, 2016 तक तीन साल के लिए रिजर्व बैंक के गवर्नर रहे थे.

इनपुट एजेंसी से