अनिल सिंघवी की मांग पर सरकार का एक्शन, चीन से आने वाले FDI पर लेनी होगी मंजूरी
दुनियाभर के माहौल को देखते हुए यह बहुत जरूरी है. स्पेन, इटली ने भी चीन से आने वाले पैसे पर रोक लगाई है. पिछले शुक्रवार को SEBI ने सभी कस्टड्युनियंस से चीन के निवेशकों की डिटेल्स मांगी थी. शनिवार को गृह मंत्रालय की तरफ से स्टेटमेंट आया है.
चीन से आने वाले इन्वेस्टमेंट पर निगरानी होनी चाहिए. ज़ी बिज़नेस ने इस मांग को उठाया और सरकार ने इस पर एक्शन लिया. दरअसल, कोरोना वायरस के बाद फैली अनिश्चतताओं के बीच पीप्लस बैंक ऑफ चाइना लगातार HDFC लिमिटेड में अपना निवेश बढ़ा रहा था. इस पर ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने मांग उठाई कि अब चीन से आने वाले हर निवेश की कड़ी निगरानी होनी चाहिए. वो कहां इन्वेस्टमेंट कर रहा है, किस मकसद से इन्वेस्टमेंट कर रहा है और कितना कर रहा है.
सरकार का एक्शन
अनिल सिंघवी की डिमांड पर पहले स्टॉक एक्सचेंज रेगुलेटर SEBI ने शिकंजा कसा और अब केंद्र सरकार ने भी नियमों को सख्त कर दिया है. अब चीन से आने वाला निवेश सरकार की परमिशन के बाद ही आएगा. बिना परमिशन FDI नहीं हो सकेगा. अनिल सिंघवी ने पिछले सोमवार को मांग उठाई थी कि चीन से आने वाले पैसे की क्वॉलिटी और उनकी नियत पर नजर रखनी चाहिए. अनिल सिंघवी ने कहा था कि चीन से आने वाला पैसे कैसे भी और किसी भी फॉर्म में आए वो हिंदुस्तान को लेना अब ठीक नहीं होगा. सरकार को इस पर अलर्ट हो जाना चाहिए.
पड़ोसी मुल्कों के लिए बदले FDI नियम
अनिल सिंघवी ने कहा कि सरकार की इस मामले में तारीफ होनी चाहिए कि इस मामले में उन्होंने काफी तेजी से एक्शन लिया है. दुनियाभर के माहौल को देखते हुए यह बहुत जरूरी है. स्पेन, इटली ने भी चीन से आने वाले पैसे पर रोक लगाई है. पिछले शुक्रवार को SEBI ने सभी कस्टड्युनियंस से चीन के निवेशकों की डिटेल्स मांगी थी. शनिवार को गृह मंत्रालय की तरफ से स्टेटमेंट आया है. स्टेटमेंट में पहले के मुकाबले एक बदलाव किया गया है. पहले सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश से आने वाले पैसे (निवेश) पर सरकार की अनुमति जरूरी थी. अब सरकार ने बदलाव किया है कि हमारे देश की सीमा से लगे देश यानी पड़ोसी देशों से डायरेक्ट FDI नहीं आएगा. किसी भी निवेश से पहले सरकार से मंजूरी जरूर लेनी होगी.
खास चीन पर लगाम कसने की कोशिश
अनिल सिंघवी ने कहा कि इस बदलाव के बाद उन सेक्टर्स में भी जहां भले ही ऑटोमैटिक रूट के जरिए FDI को अनुमति है, अब मंजूरी लेनी होगी. यह सिर्फ उन देशों के लिए है, जिनकी सीमाएं हमारे देश से लगती हैं. यह समझने वाली बात यह है कि हमारे पड़ोसी मुल्कों में पैसा लगाने की ताकत सिर्फ चीन के पास है. ऐसे में यह बदलाव खास चीन को ध्यान में रखते हुए किया गया है. अनिल सिंघवी ने कहा कि यह एक सराहनीय कदम है. क्योंकि, पैसा आने के बाद यह तय किया जाए कि उसे कैसे हैंडल किया, उससे बेहतर की पहले ही उस पर नजर रखी जाए.
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देश का हित सबसे पहले
अनिल सिंघवी के मुताबिक, चीन से आने वाले हर पैसे को रोक दिया, ऐसा नहीं होना चाहिए. लेकिन, कौन पैसा लगा रहा है, कितना लगा रहा है, किस मकसद से लगा रहा है. यह तय होना चाहिए और सरकार को पता होना चाहिए. देश का हित सबसे पहले है. पैसा जरूरी नहीं है. कोई फर्क नहीं पड़ेगा अगर कुछ पैसा नहीं आएगा. लेकिन, अगर पैसा लगाने का मकसद ठीक नहीं है तो सरकार जो कर रही है वो एकदम ठीक है.