सरकार और इंश्योरेंस रेगुलेटर इरडा (IRDAI) बीमा की पहुंच बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं, लेकिन सिर्फ कंपनियों की संख्या बढ़ाकर ऐसा नहीं किया जा सकता. अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ (AIIEA) के महासचिव श्रीकांत मिश्रा ने यह बात कही. उन्होंने कहा, सरकार और इरडा तर्क दे रहे हैं कि बीमा की पहुंच को अधिक से अधिक बढ़ाने की जरूरत है और 2047 तक प्रत्येक भारतीय का बीमा होना चाहिए.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मिश्रा ने कहा, लेकिन इस बात को समझने की जरूरत है कि सिर्फ कंपनियों की संख्या बढ़ाकर ऐसा नहीं किया जा सकता. बीमा प्रसार अनिवार्य रूप से खर्च करने योग्य आय के स्तर पर निर्भर करती है, जो दुर्भाग्य से भारत में कम है.

ये भी पढ़ें- कमाई का माौका! तार, केबल बनाने वाली कंपनी जल्द लाने वाली है आईपीओ, Sebi के पास जमा कराए डॉक्यूमेंट्स

उन्होंने यह भी कहा कि देश में बीमा प्रसार कुछ विकसित देशों की तुलना में अधिक है और इसका श्रेय सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी (LIC) और सामान्य बीमा कंपनियों को जाता है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के हितों का ध्यान रखते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग की रक्षा करना और उन्हें मजबूत करना (AIIEA) का मूल उद्देश्य रहा है.

बीमा कंपनियों के मीडिया कैंपेन के नियम होंगे सख्त

IRDAI बीमा कंपनियों के मीडिया कैंपेन के लिए नियमों को सख्त करने पर विचार कर रहा है. इसके तहत इन कंपनियों के सीनियर मैनेजमेंट को उत्पाद प्रचार के लिए मीडिया अभियानों को तैयार करने और मंजूरी देने की जिम्मेदारी देने का प्रस्ताव है. इस सिलसिले में इरडा ने बीमा विज्ञापन खुलासा नियमन, 2021 में संशोधन का प्रस्ताव किया है.

ये भी पढ़ें- ETF: निवेशकों को पसंद आ रहा है सिल्वर ईटीएफ, एसेट बेस ₹1800 करोड़ के पार

प्रस्तावित संशोधन के तहत, प्रत्येक बीमा कंपनी को कम से कम तीन सदस्यों वाली एक विज्ञापन समिति का गठन करना होगा. ये सदस्य विपणन, बीमांकिक और अनुपालन कार्यों से संबंधित होंगे. IRDAI ने कहा कि इन संशोधनों का उद्देश्य ग्राहकों के लिए विज्ञापनों को तैयार करने और उन्हें मंजूरी देते समय सीनियर मैनेजमेंट को जवाबदेह ठहराना है. इरडा ने इस पर 25 मई तक हितधारकों से सुझाव मांगे हैं.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

Success Story: 60 दिन की ट्रेनिंग में मिला कमाल का बिजनेस आइडिया, एक साल में कमा लिया ₹10 लाख