महंगाई पर काबू के लिए सरकार और एजेंसियां एकजुट होकर काम कर रही है, सरकार जल्द ही इसे लेकर एक्शन प्लान जारी कर सकती है. अक्टूबर के दूसरे हफ्ते से नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम और योजना पर काम किया जा रहा है. RBI (Reserve Bank of India), उपभोक्ता मामले मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय ने रिपोर्ट साझा की है. महंगाई से संबंधित सभी मंत्रालयों ने वित्त मंत्रालय के साथ भी डिटेल्स साझा किए हैं. नई फसल के आने से महंगाई में कमी की उम्मीद है. इसके अलावा जमाखोरी पर एक्शन तेज हो सकता है.

RBI MPC की बैठक में रहेगा फोकस

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कल बुधवार से शुरू MPC की बैठक में Consumer Affairs के डाटा पर भी चर्चा हो सकती है. रिजर्व बैंक की कमेंट्री और स्पेसिफिक इनपुट को आधार बनाकर सरकार एक्शन जारी करेगी. खाद्य सुरक्षा प्राथमिकता, उसके बाद Affordability को लेकर राज्यों को भी एकजुट कर एक्शन शुरू होगा. आरबीआई गवर्नर की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक चार-छह अक्टूबर को प्रस्तावित है. एमपीसी की पिछली बैठक अगस्त में हुई थी.

महंगाई पर अनुमान

अगर महंगाई के आंकड़ों की बात करें तो  मुख्य रूप से सब्जियों के दाम में नरमी से खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में घटकर 6.83 प्रतिशत पर आ गई थी. हालांकि, यह अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर है. जुलाई में खुदरा महंगाई दर 15 महीने के उच्चस्तर 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गयी थी.

मौद्रिक समिति की बैठक के पहले अर्थशास्त्रियों का मानना है कि एमपीसी अक्टूबर, 2023 नीति में भी कोई बदलाव नहीं करेगी. रिजर्व बैंक ने 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.4 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इसके 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 5.7 प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है. अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में मुद्रास्फीति के 5.2 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है.

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