White Sandalwood Cultivation: सफेद चंदन की खेती ऊसर, बंजर, धूस और पथरीली जमीन में आसानी से की जा सकती है. सफेद चंदन की खेती के लिए ऊंची जमीन होनी चाहिए. जलभराव क्षेत्र या जमीन में सफेद चंदन की खेती संभव नहीं है. सफेद चंदन की खेती के लिए दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है. लाल दोमट मिट्टी में सफेद चंदन के पौधों का जबरदस्त तरीके से विकास होता है. इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि सफेद चंदन के पौधे के साथ एक होस्ट प्लांट लगाने की जरूरत होती है. होस्ट प्लांट में अरहर सबसे अच्छा होता है.

12 से 15 साल में काटकर बेचने लायक हो जाते हैं सफेद चंदन के पेड़ 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

एक एकड़ जमीन पर सफेद चंदन के 410 पौधे लगाए जा सकते हैं. पौधों के बीच कम से कम 10 फीट की दूरी होना जरूरी है. एक एकड़ में सफेद चंदन के पौधे लगाने में करीब 80 हजार से 1 लाख रुपये तक की लागत आती है. करीब 12 से 15 साल के बाद सफेद चंदन को काटकर बेचा जा सकता है. शबला सेवा संस्थान के अध्यक्ष किरण यादव के मुताबिक अगर आप अभी सफेद चंदन का पौधा लगाते हैं और जब वह 12 से 15 साल के बाद पेड़ बन जाएगा तो उस समय एक एकड़ में लगे सफेद चंदन के पेड़ों का बाजार मूल्य करीब पचास लाख रुपये तक हो सकता है.

किसानों को सफेद चंदन की खेती का फ्री प्रशिक्षण देता है शबला सेवा संस्थान

किरण यादव का कहना है कि शबला सेवा संस्थान किसानों को सफेद चंदन की खेती का फ्री प्रशिक्षण देती है. इसके साथ ही लागत मूल्य पर किसानों को सफेद चंदन का पौधा भी उपलब्ध करवाती है. शबला सेवा संस्थान के संस्थापक अविनाश कुमार के अनुसार सफेद चंदन की खेती के साथ मिश्रित खेती भी की जा सकती है. मिश्रित खेती से किसान भाइयों को निरंतर आमदनी होती है. जिससे परिवार के भरण पोषण में कोई कमी नहीं होती. इसके साथ ही 12-15 साल के बाद सफेद चंदन को बेचकर एक अच्छी आमदनी हो जाती है.

सफेद चंदन की खेती के लिए कोई खास कानूनी प्रक्रिया नहीं है. हालांकि, जिस तरह किसी भी पेड़ को काटने से पहले वन विभाग से मंजूरी लेनी होती है, ठीक उसी तरह सफेद चंदन के पेड़ को काटने से पहले भी वन विभाग से मंजूरी लेनी होती है.