Rabi Season: चालू रबी सीजन में गेहूं का रकबा (Wheat sowing) 3% बढ़कर 286.5 लाख हेक्टेयर हो गया है. इस बढ़ोतरी का मुख्य कारण मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में बुवाई के रकबे का बढ़ना है. सरकार के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. रबी सत्र की प्रमुख फसल गेहूं का रकबा पिछले साल इसी अवधि में 278.25 लाख हेक्टेयर था. रबी फसलों की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो जाती है. गेहूं की बुवाई के रकबे में बढ़ोतरी की खबर मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड और कर्नाटक से मिली है. महाराष्ट्र और हरियाणा में अब तक रकबा कम है.

गर्मी और लू की वजह से कम हुआ था गेहूं का उत्पादन

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

गेहूं के बुवाई क्षेत्र में बढ़ोतरी से अधिक उत्पादन हो सकता है बशर्ते मौसम इस फसल के विकास के लिए अनुकूल बना रहे. फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में गेहूं का घरेलू उत्पादन पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर इस बार 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया, जिसका कारण कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी का बढ़ना और लू चलना था.

ये भी पढ़ें- 12वीं पास इस शख्स ने 60 दिन का कोर्स कर कमा लिए ₹80 लाख, दिनोंदिन बढ़ रही कमाई, आप भी उठा सकते हैं फायदा

कीमतों को काबू में करने के लिए सरकार गेहूं के निर्यात पर लगाया था प्रतिबंध

इस साल मई में सरकार ने घरेलू आपूर्ति को बढ़ावा देने और कीमतों को नियंत्रित करने के लिए गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. घरेलू उत्पादन में गिरावट और निजी पक्षों की तरफ से आक्रामक खरीद के कारण विपणन वर्ष 2022-23 में सरकारी स्वामित्व वाली एफसीआई की गेहूं खरीद पहले के 434.44 लाख टन से घटकर इस बार 187.92 लाख टन रह गई. 

धान-दलहन और तिलहन का रकबा बढ़ा

16 दिसंबर तक के आंकड़ों के मुताबिक, धान का रकबा 11.13 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 12.64 लाख हेक्टेयर हो गया है. अभी तक पहले के 134.01 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अब 139.68 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुवाई की जा चुकी है, जिसमें चना खेती का रकबा पहले के 94.97 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 97.9 लाख हेक्टेयर हो गया है. मोटे अनाज का रकबा पहले के 38.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 41.34 लाख हेक्टेयर हो गया है.

ये भी पढ़ें- यहां के किसान आधी कीमत पर खरीद सकेंगे मशीनें, सरकार देगी 50% तक सब्सिडी, ऐसे उठाएं स्कीम का फायदा

गैर-खाद्यान्न श्रेणी में तिलहन का रकबा पहले के 90.51 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब 97.94 लाख हेक्टेयर हो गया है. रबी सत्र की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों का रकबा पहले के 83.18 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 89.99 लाख हेक्टेयर हो गया है. भारत अपनी खाद्य तेलों की जरूरत का करीब 60% आयात करता है. इसलिए सरसों के रकबे में बढ़ोतरी से सरसों तेल के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा.

रबी फसलों के अंतर्गत कुल रकबा पिछले वर्ष की इसी अवधि के 552.28 लाख हेक्टेयर से बढ़कर अब तक 578.10 लाख हेक्टेयर हो गया है.

ये भी पढ़ें- Business Idea: सिर्फ 3.55 लाख में शुरू करें ये धांसू बिजनेस, लाखों में होगी कमाई, आप भी ले सकते हैं आइडिया

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें