मार्केटिंग ईयर 2022-23 में अब तक 195 लाख टन गेहूं की खरीद हुई, पिछले साल का टूटा रिकॉर्ड
मार्केटिंग ईयर 2022-23 में गेहूं की सरकारी खरीद अब तक195 लाख मिट्रिक टन पर पहुंच गया. रबी मार्केटिंग सेशन 2022-23 में खरीद 188 लाख टन गेहूं की हुई थी.
सरकार ने गुरुवार को कहा कि अप्रैल से शुरू हुए चालू मार्केटिंग ईयर में अब तक गेहूं की खरीद 195 लाख टन तक पहुंच गई है, जो पिछले साल की कुल खरीद स्तर से अधिक है. एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘आरएमएस (रबी मार्केटिंग सेशन) 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद पहले ही रबी मार्केटिंग सेशन 2022-23 की कुल खरीद स्तर को लांघ चुका है.’’ रबी मार्केटिंग सेशन अप्रैल-मार्च तक चलता है, लेकिन थोक खरीद अप्रैल और जून के बीच होती है.
MY2022-23 में 188 लाख टन गेहूं की खरीद हुई
बयान में कहा गया है, ‘‘रबी मार्केटिंग सेशन 2022-23 में, खरीद 188 लाख टन गेहूं की हुई थी जबकि 26 अप्रैल, 2023 तक, रबी मार्केटिंग सेशन 2023-24 के दौरान गेहूं की खरीद 195 लाख टन की हुई है. बयान में कहा गया है, ‘‘इससे काफी हद तक किसानों को फायदा हुआ है. चल रहे गेहूं खरीद कार्यों के दौरान लगभग 41,148 करोड़ रुपए का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पहले ही लगभग 14.96 लाख किसानों को दिया जा चुका है.’’
किस राज्य में कितना खरीद किया गया
इस खरीद में प्रमुख योगदान तीन गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश से क्रमशः 89.79 लाख टन, 54.26 लाख टन और 49.47 लाख टन की खरीद के साथ हुआ है. बयान में कहा गया है, ‘‘इस वर्ष अधिक खरीद में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में से एक, बेमौसम बारिश के कारण चमक में कमी को देखते हुए, खरीदे जा रहे गेहूं की गुणवत्ता विनिर्देशों में भारत सरकार द्वारा छूट देना है.’’
140 लाख टन चावल की खरीद बाकी
केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को बेहतर पहुंच के लिए पहले से मौजूद खरीद केंद्रों के अलावा ग्राम/पंचायत स्तर पर खरीद केंद्र खोलने और सहकारी समितियों/ग्राम पंचायतों/आढ़तियों आदि के माध्यम से भी खरीद करने की अनुमति दी है. इसके साथ ही धान खरीदी भी सुचारू ढंग से चल रही है. खरीफ मार्केटिंग सेशन 2022-23 के दौरान 26 अप्रैल, 2023 तक 354 लाख टन चावल की खरीद की जा चुकी है, जबकि 140 लाख टन चावल की खरीद की जानी अभी बाकी है.
510 लाख टन से अधिक हो गया है
खरीफ मार्केटिंग सेशन अक्टूबर से अगले वर्ष के सितंबर महीने तक चलता है. खाद्य मंत्रालय ने कहा, ‘‘केंद्रीय पूल में गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 510 लाख टन से अधिक हो गया है, जो देश को खाद्यान्न की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक आरामदायक स्थिति है.’’
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