Wheat Price: स्थानीय स्तर पर गेहूं की खुदरा कीमतों को कम करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (FCIने बड़ा कदम उठाया है. एफसीआई खुले बाजार में OMSS के जरिए 4 लाख मीट्रिक टन गेहूं जारी करेगी. इसके लिए टेंडर आज अपलोड होगा. एक खरीदार खुले बाजार में प्रति नीलामी 100 मीट्रिक टन गेहूं खरीद सकता है. केवल किसी विशेष राज्य के जीएसटी (GST) नंबर वाले व्यापारियों को ही उस राज्य में बोली लगाने की अनुमति दी जाएगी.

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एफसीआई के चेयरमैन अशोक के मीणा ने कहा, हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए स्थानीय व्यापारी खाद्यान्न खरीदें. पूरे भारत में 457 डिपो से पहली गेहूं नीलामी में 4 एलएमटी की पेशकश की जाएगी. 271 खरीदारों का नया पैनल बनाया गया है. चावल की ई-नीलामी 5 जुलाई को रखी गई है.

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एफसीआई के चेयरमैन ने कहा, MPC के मिनट को देखें तो 6% से ज्यादा महंगाई चिंताजनक है. कीमतों को नियंत्रित करने के लिए मौजूदा आदेश के अनुसार 15 लाख टन तक OMSS कर सकते हैं.

28 जून से शुरू होगी गेहूं की नीलामी

FCI को 28 जून से OMSS के तहत शुरू हो रही ई-नीलामी में 4 लाख टन गेहूं छोटे निजी खरीदारों को बेचने की उम्मीद है. ओएमएसएस के तहत सरकार ने गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण लाने के लिए मार्च, 2024 तक आटा मिल मालिकों के केंद्रीय पूल, निजी व्यापारियों, थोक खरीदारों और गेहूं उत्पादों के विनिर्माताओं को 15 लाख टन गेहूं बेचने का फैसला लिया है.

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देशभर में 31 जनवरी तक गेहूं की आरक्षित कीमत अच्छी और औसत गुणवत्ता के लिए 2,150 रुपये प्रति क्विंटल और अपेक्षाकृत कम अच्छे (URS) किस्म के गेहूं के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है.

खरीदार कम से कम 10 टन और अधिकतम 100 टन गेहूं और चावल के लिए बोली लगा सकते हैं. गेहूं और चावल ई-नीलामी के माध्यम से एफसीआई के देशभर में स्थित लगभग 500 भंडार गृहों से भेजा जाएगा.

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