सरकार ने कहा है कि देश के पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने, कीमतों को स्थिर रखने के लिए और यदि जरूरी हो, तो बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए गेहूं का पर्याप्त भंडार है. इसके साथ ही सरकार ने स्पष्ट किया है कि अभी उसका इन अनाज के आयात शुल्क में बदलाव करने का कोई इरादा नहीं है. उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के तहत खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग गेहूं के बाजार मूल्य पर बारीकी से नजर रख रहा है. 

11.2 करोड़ टन गेहूं उत्पादन हुआ है

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विभाग ने गुरुवार को बयान में यह जानकारी दी. बयान में कहा गया है, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि बेईमान तत्वों द्वारा कोई जमाखोरी न हो और कीमतें स्थिर रहे, आवश्यकतानुसार उचित हस्तक्षेप किया जाएगा.’’ रबी विपणन सत्र वर्ष 2024 के दौरान विभाग ने 11.2 करोड़ टन गेहूं उत्पादन की जानकारी दी है. सरकारी स्वामित्व वाले भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने 11 जून तक करीब 2.66 करोड़ टन अनाज खरीदा है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य कल्याणकारी योजनाओं के लिए अनुमानित 1.84 करोड़ टन की आवश्यकता को पूरा करने के बाद, जरूरत पड़ने पर बाजार में हस्तक्षेप के लिए पर्याप्त गेहूं स्टॉक उपलब्ध होगा. 

गेहूं का स्टॉक 1.635 करोड़ टन

तिमाही बफर स्टॉक साल भर अलग-अलग होता हैं. एक जनवरी, 2024 तक, गेहूं का स्टॉक 1.38 करोड़ टन के निर्धारित बफर मानदंड के मुकाबले एक करोड़ 63.5 लाख टन था. बयान में कहा गया है, ‘‘गेहूं का स्टॉक कभी भी तिमाही बफर स्टॉक मानदंडों से नीचे नहीं गया है. इसके अलावा, वर्तमान में, गेहूं के आयात पर शुल्क संरचना को बदलने का कोई प्रस्ताव नहीं है.’’