Wheat acreage: गेहूं का कुल रकबा, एक साल पहले की तुलना में 3.59 प्रतिशत बढ़कर 325.10 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। रबी फसलों की बुवाई अब समाप्त होने की ओर है. शुक्रवार को जारी कृषि मंत्रालय (Agriculture Ministry)  के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है. रबी की मुख्य फसल गेहूं की बुवाई अक्टूबर से शुरू हो गई थी. मक्का (Maize), ज्वार (Jowar), चना (Gram) और सरसों (Mustard) अन्य प्रमुख रबी फसलें हैं. इन फसलों की कटाई अगले साल मार्च/अप्रैल में शुरू होगी. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ताजा आंकड़ों के अनुसार, किसानों ने फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) के मौजूदा रबी सत्र में 30 दिसंबर तक 325.10 लाख हेक्टेयर से भी अधिक रकबे में गेहूं की बुवाई की है, जबकि पिछले वर्ष यह रकबा 313.81 लाख हेक्टेयर था. जिन राज्यों में बुवाई का रकबा अधिक रहा है, उनमें उत्तर प्रदेश (3.59 लाख हेक्टेयर), राजस्थान (2.52 लाख हेक्टेयर), महाराष्ट्र (1.89 लाख हेक्टेयर), गुजरात (1.10 लाख हेक्टेयर), बिहार (0.87 लाख हेक्टेयर), मध्य प्रदेश (0.85 लाख हेक्टेयर), छत्तीसगढ़ (0.66 लाख हेक्टेयर), पश्चिम बंगाल (0.21 लाख हेक्टेयर), जम्मू और कश्मीर (0.08 लाख हेक्टेयर), असम (0.02 लाख हेक्टेयर) और झारखंड (0.03 लाख हेक्टेयर) शामिल हैं.

ये भी पढ़ें- सरकार ने नए साल का दिया तोहफा! छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में की बढ़ोतरी, NSC-KVP पर मिलेगा ज्यादा ब्याज

बंपर हो सकती है गेहूं की उपज

कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रबी फसलों की बुवाई अब तक लगभग पूरी हो चुकी है. उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में बुवाई गन्ने की कटाई के बाद जनवरी में की जाएगी. अधिकारी ने कहा कि किसानों ने वर्ष 2023 में भी समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिलने की उम्मीद में अधिक रकबे में गेहूं की बुवाई की है. गेहूं उपज की संभावना अभी बेहतर दिखाई दे रही है और मंत्रालय को उम्मीद है कि मौसम की स्थिति अच्छी रहने पर रिकॉर्ड उत्पादन होगा. आंकड़ों के अनुसार चालू रबी सत्र में 30 दिसंबर तक धान की बुवाई का रकबा भी बढ़कर 16.53 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 13.70 लाख हेक्टेयर था.

इसी तरह, समीक्षाधीन अवधि के दौरान 150.10 लाख हेक्टेयर के मुकाबले दालों का रकबा बढ़कर 153.09 लाख हेक्टेयर हो गया है. इस रबी सत्र में अब तक कुल दलहन में से 105.61 लाख हेक्टेयर में चना बोया जा चुका है. आंकड़ों से पता चलता है कि मोटे और पौष्टिक अनाज का रकबा पहले के 44.85 लाख हेक्टेयर से मामूली बढ़कर 46.67 लाख हेक्टेयर हो गया है.

ये भी पढ़ें- भारत का सबसे बड़ा पेमेंट बैंक दे रहा कमाने का बंपर मौका, 10वीं पास भी कर सकते हैं अप्लाई, जानिए सबकुछ

तिलहन का रकबा बढ़ा

30 दिसंबर तक विभिन्न प्रकार के तिलहनों का कुल रकबा बढ़कर 103.60 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की अवधि में 94.96 लाख हेक्टेयर ही था. आंकड़ों से पता चलता है कि इसमें से रेपसीड-सरसों का रकबा पहले के 86.56 लाख हेक्टेयर की तुलना में बढ़कर 94.22 लाख हेक्टेयर हो गया है.

नतीजतन, चालू रबी सत्र में 30 दिसंबर तक रबी फसलों का कुल रकबा 4.46 प्रतिशत बढ़कर 645 लाख हेक्टेयर पहुंच गया. एक साल पहले इसी अवधि में यह 617.43 लाख हेक्टेयर था.

ये भी पढ़ें- नए साल का तोहफा! ओडिशा सरकार ने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता इतना बढ़ाया, 1 जुलाई 2022 से होगा लागू

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

साहिवाल, गिर नस्ल की गायों से शुरू किया डेयरी बिजनेस, दूध बेचकर कमा लिया ₹30 लाख

ये भी पढ़ें- मखाने की खेती से लाखों कमाने का मौका, सरकार ने किया ये बड़ा ऐलान, जानिए सभी जरूरी बातें