ऑर्गेनिक सब्जियां यूं ही महंगी नहीं मिलतीं, मोलभाव करने से पहले जान लीजिए कैसे होती है Organic Farming
ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर से सब्जियां-फल खरीदते समय तो आपको कई ऑर्गेनिक फल और सब्जियां दिखती भी होंगी. आपने एक बात जरूर नोटिस की होगी कि ये सब काफी महंगे होते हैं. क्या आप जानते हैं ऐसा क्यों होता है?
अक्सर ही आप ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) यानी जैविक खेती के बारे में सुनते होंगे. ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर से सब्जियां-फल खरीदते समय तो आपको कई ऑर्गेनिक फल और सब्जियां दिखती भी होंगी. आपने एक बात जरूर नोटिस की होगी कि ये सब काफी महंगे होते हैं. अगर बाजार में ठेलों पर बिकने वाली सब्जियों से तुलना करें तो उनके दाम दो से तीन गुने तक महंगे होते हैं. सिर्फ फल और सब्जियां ही नहीं, आर्गेनिक फार्मिंग वाले तमाम अनाज भी काफी महंगे होते हैं. अब सवाल ये है कि आखिर किस वजह से ये सारी चीजें महंगी हैं और इनमें अलग क्या है? आखिर क्यों इनकी कीमत अधिक होती है?
जानिए क्या होती है ऑर्गेनिक खेती?
ऑर्गेनिक फल या सब्जियां या अनाज महंगे क्यों होते हैं, ये जानने के लिए पहले आपको ये समझना होगा कि आखिर आर्गेनिक फार्मिंग होती क्या है. ऑर्गेनिक फार्मिंग यानी जैविक खेती में किसी भी तरह के कैमिकल का इस्तेमाल नहीं होता है. इसमें खाद और कीटनाशक भी ऑर्गेनिक ही इस्तेमाल किए जाते हैं, ना कि कैमिल वाले. कैमिकल्स की वजह से एक तो जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट होती है, वहीं सब्जियों-फलों में बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है. इन कैमिकल्स को धीमा जहर भी कहा जाता है. यही वजह है कि अब धीरे-धीरे लोग ऑर्गेनिक फार्मिंग की ओर मुड़ रहे हैं.
ऑर्गेनिक खेती क्यों है जरूरी?
खेती में रसायनों का इस्तेमाल बहुत अधिक बढ़ चुका है. इसका नतीजा ये हो रहा है कि इनसे लोगों का स्वास्थ्य भी खराब हो रहा है और खेत की मिट्टी भी कमजोर होती जा रही है. इतना ही नहीं, ये खतरनाक कैमिकल पानी के साथ मिलकर जमीन के नीचे मौजूद पानी तक पहुंच रहे हैं और उसे भी दूषित कर रहे हैं. वहीं बारिश में खेतों से होते हुए जब पानी नदी-नालों में पहुंचता है तो उसमें भी बहुत सारे कैमिकल मिले होते हैं. इससे पानी में रहने वाली जीवों की जिंदगी भी खतरे में पड़ रही है.
अब समझिए कैसे की जाती है जैविक खेती?
जैविक खेती में गोबर की खाद, कंपोस्ट, केंचुआ खाद यानी वर्मी कंपोस्ट, फसलों के बचे हिस्से को सड़ाकर बनी खाद और ढैंचा की बुआई कर के उसे सड़ाकर बनी खाद का इस्तेमाल होता है. इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और साथ ही फसल का प्रोडक्शन भी बढ़ता है. इन खादों की वजह से जमीन को प्राकृतिक तौर पर ही नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम और एक्टीनोमाइसिट्स जैसे जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं.
कीटनाशक भी होता है ऑर्गेनिक
खेती के दौरान फसल में कीड़े या रोग लग जाना कोई नई बात नहीं है. ऐसे में फसल को कीटों से बचाने के लिए कीटनाशक की जरूरत होती है. कैमिकल कीटनाशक का छिड़काव नहीं कर सकते, इसलिए जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करना होता है. जैविक कीटनाशक नीम ऑयल या गौमूत्र में नीम मिलाकर बनाया जाता है और फिर उसे खेतों में पौधों पर इस्तेमाल किया जाता है.
अब समझिए महंगे क्यों होते हैं ऑर्गेनिक प्रोडक्ट
ऑर्गेनिक सब्जियां-फल या अनाज यूं ही महंगे नहीं होते हैं. ऑर्गेनिक खेती में इस्तेमाल होने वाली खाद और कीटनाशक कैमिकल्स की तुलना में महंगे आते हैं. यही वजह है कि इनका इस्तेमाल कर के की गई खेती भी महंगी पड़ती है. कैमिकल की तुलना में ऑर्गेनिक खेती में उत्पादन भी थोड़ा कम रहता है, क्योंकि इसमें सब्जियों-फलों के आकार को कैमिकल से बढ़ाया नहीं जाता है. ऐसे में अपना मुनाफा निकालने के लिए इसे किसान थोड़ा महंगा ही बेचते हैं और फिर जब ये मार्केट में आती है तो और ज्यादा महंगी हो जाती है. यही वजह है कि आपको हर जगह ऑर्गेनिक प्रोडक्ट सामान्य प्रोडक्ट की तुलना में महंगे मिलते हैं.