देसी सब्जियों से कैसे अलग होती हैं हाइब्रिड सब्जियां, कैसे होती है इनकी पहचान.. खाने में उपयोग से पहले जानें ये बातें
मॅाडर्न वर्ल्ड में आजकल कोई भी सेगमेंट एक्सपेरिमेंट से नहीं बचा है. मार्केट में वेजिटेबल के साथ भी नए-नए एक्सपेरिमेंट होते रहते हैं. इसमें ही एक नाम हाइब्रिड सब्जियों का है.
मार्केट में आने वाली हाइब्रिड वेजिटेबल दिखने में बहुत आकर्षक होती हैं. आजकल कई लोग हाइब्रिड लौकी, गिलकी, करेला और कद्दू खरीद रहें हैं. सब्जी की दुकान पर देसी और हाइब्रिड वेजीटेबल को पहचानना मुश्किल होता है. देसी फल चमकदार नहीं होते हैं. और इनका स्वाद भी अलग होता है. साथ ही इस तरह की सब्जियों में स्वाद भी नहीं होता है. वहीं हाइब्रिड सब्जियां चमकदार होती हैं. इन्हें इस तरह का बनाने के लिए कई खतरनाक पेस्टीसाइट्स का यूज होता है. अगर आप इनका यूज कर रहें हैं तो इनको यूज करने से पहले अच्छे तरह से धोना चाहिए. हाइब्रिड वेजिटेबल को बिना धुले खाने पर ये आपकी हेल्थ पर गलत असर डाल सकते हैं. हाइब्रिड सब्जियां ज्यादा उगाई जाती है इसलिए ये सस्ती होती हैं. वहीं देसी ब्रीड की वेजीटेबल की पैदावार लिमिटेड होती है इसलिए ये महंगी होती है. लेकिन इनका टेस्ट हाइब्रिड सब्जियों से ज्यादा होता है. लेकिन हाइब्रिड सब्जियां देसी सब्जियों की तुलना में ज्यादा दिन चल जाती हैं.
हाइब्रिड सीड कैसे बनाएं जाते हैं
एक ही पौधे की दो अलग-अलग किस्मों को मिलाकर एक हायब्रिड बनाया जाता है. क्रॉसिंग में एक पौधे के नर फूल से पराग लेकर उसे दूसरे पौधे के फीमेल फूल के हिस्सों में ट्रांसफर किया जाता है. एक बार जब फीमेल फूल की ओवरी में परागण हो जाता है, तो ये फूलना और फल बनना शुरू कर देता है. उस फल के अंदर जो बीज विकसित होते हैं, वे हाइब्रीड बीज होते हैं. इस तरह से वेजीटेबल तैयार करने में इनके मूल जीन में काफी चेंज होते हैं. जिस कारण सब्जी की क्वालिटी पर असर पड़ता है. इन सब्जियों को उगाने में कई बार भारी मात्रा में केमिकल और हॅार्मोनल इंजेक्शन लगाए जाते हैं.
क्या हाइब्रिड वेजीटेबल फायदेमेंद हैं
हाइब्रिड वेजीटेबल को उगाने के लिए कई तरह के केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है. जिस वजह से इनका कलर और साइज देसी फलों की तुलना में ज्यादा आकर्षक और बड़ा हो जाता है. लेकिन इन केमिकल के कारण इनके अंदर कई तरह के टॉक्सिन बन जाते हैं. जो आपकी हेल्थ के लिए खतरनाक हो सकते है. इसे खाने से इन वेजीटेबल में मौजूद केमिकल और टॅाक्सिन हमारे शरीर में आकर कई तरह की परेशानी क्रिएट कर सकते हैं. ऐसी सब्जियों को खाने से उल्टी, पेट दर्द और दस्त जैसी बीमारियां हो सकती हैं. इसलिए हाइब्रिड सब्जियों के मुकाबले देसी सब्जियों को खरीदना फायदेमंद रहता है.
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