Seed Park: उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में प्रस्तावित 200 एकड़ के बीज पार्क (Seed Park) में निवेश के लिए निजी कंपनियों को आमंत्रित किया. फेडरेशन ऑफ सीड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (FSII) के एक सम्मेलन में, उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कृषि में विकास को बढ़ावा देने के लिए एक अनुकूल परिवेश बनाने के महत्व पर जोर दिया.

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उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी इंटरवेंशन हमारे किसानों के लिए सुविधा और समृद्धि लाने के लिहाज से महत्वपूर्ण है. उत्तर प्रदेश देश के एक तिहाई गेहूं उत्पादन में योगदान देता है, हम बीज उद्योग में अपने राज्य की अपार क्षमता को पहचानते हैं. शाही ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार निजी बीज उद्योग के सहयोग से एक बीज पार्क (Seed Park) और उन्नत अनुसंधान के लिए एक सामान्य संसाधन केंद्र स्थापित करना चाहती है.  उन्होंने कहा, हम सभी अंशधारकों से अंतर्दृष्टि और सहयोग का स्वागत करते हैं और बीज उद्योग को सार्वजनिक-निजी भागीदारी के लिए आमंत्रित करते हैं.

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भारत कृषक समाज के अध्यक्ष अजय वीर जाखड़ ने भारतीय कृषि के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने के लिए आधुनिक विज्ञान और प्रौद्योगिकी को लागू करने की वकालत की. उन्होंने कहा, कृषि अनुसंधान और विकास में निवेश सुनिश्चित करना और किसानों के लाभ के लिए नवीन प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से लाभ उठाने के लिए राज्य और केंद्र सरकारों के बीच तालमेल सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है. जाखड़ ने कहा कि इसके अलावा, प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित करने वाली अच्छी कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने और जलवायु-अनुकूल फसलों को विकसित करने के लिए विस्तार प्रणाली को मजबूत करना सतत प्रगति के लिए जरूरी है.

कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) के अध्यक्ष विजय पॉल शर्मा ने कहा, कृषि को जीवन निर्वाह मॉडल से हटकर वाणिज्यिक, उद्योग-उन्मुख दृष्टिकोण की ओर बढ़ना चाहिए. एक देश के रूप में, हमें दालों और खाद्य तिलहनों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने, अनुसंधान में निवेश करने और जलवायु-अनुकूल फसल किस्मों को विकसित करने की जरूरत है.

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एफएसआईआई के अध्यक्ष और सवाना सीड्स के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ अजय राणा ने बौद्धिक संपदा अधिकारों को मजबूत करने की आवश्यकता के बारे में बात की, जो इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है.