मोदी सरकार ने किसानों को दी बड़ी खुशखबरी, खरीफ सीज़न के लिए मिलेगी ₹1.08 करोड़ की खाद सब्सिडी
Fertilizer Subsidy: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सत्र के लिए यूरिया पर 70,000 करोड़ रुपये और डीएपी एवं अन्य उर्वरकों के लिए 38,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई.
Fertilizer Subsidy: केंद्र सरकार ने खरीफ सत्र के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को मंजूरी दी है. आज बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी आई है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खरीफ सत्र 2023-24 के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी को बुधवार को मंजूरी दे दी. सरकार खरीफ सत्र में किसानों को मौजूदा कीमतों पर मृदा पोषक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए उर्वरक सब्सिडी पर कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी. सरकार के इस कदम का मकसद उर्वरकों की खुदरा कीमतों में बढ़ोतरी को रोकना है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सत्र के लिए यूरिया पर 70,000 करोड़ रुपये और डीएपी एवं अन्य उर्वरकों के लिए 38,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई.
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में खरीफ सत्र 2023-24 के लिए किसानों को फॉस्फेट और पोटाश उर्वरकों पर 38,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इस तरह खरीफ सत्र के लिए सरकार का कुल सब्सिडी व्यय बढ़कर 1.08 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा. इसके पहले यूरिया पर 70,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की घोषणा बजट में पहले ही की जा चुकी है.
खाद की MRP पर कोई बदलाव नहीं होगा
उर्वरक एवं रसायन मंत्री मनसुख मांडविया ने मंत्रिमंडल में लिए गए इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘अप्रैल, 2023- मार्च, 2024 के खरीफ सत्र में उर्वरक सब्सिडी पर कुल 1.08 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.’’ इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उर्वरकों की अधिकतम खुदरा कीमतों (एमआरपी) में इस अवधि में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. फिलहाल यूरिया की कीमत 276 रुपये प्रति बोरी है जबकि डीएपी 1,350 रुपये प्रति बोरी पर बिक रही है. उर्वरक सब्सिडी से करीब 12 करोड़ किसानों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है.
IT हार्डवेयर इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम को मंजूरी
इसके अलावा, कैबिनेट मीटिंग से एक और बड़ी खबर निकलकर आई है. सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में IT से जुड़े हार्डवेयर बनाने के लिए PLI (प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम) को मंजूरी दे दी गई है. इस स्कीम में करीब 17,000 करोड़ रुपये का फाइनेंशियल मदद दी जाएगी. आईटी हार्डवेयर में मेक इन इंडिया को बूस्ट देने के लिए यह बड़ा कदम साबित होगा.
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल ने 17,000 करोड़ रुपये के बजटीय व्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिये पीएलआई योजना को मंजूरी दे दी. कार्यक्रम की अवधि छह साल है.’’
आईटी हार्डवेयर पीएलआई योजना दो के तहत लैपटॉप, टैबलेट, सभी उपकरणों से लैस पर्सनल कंप्यूटर (ऑल इन वन पीसी) सर्वर आदि आएंगे. मंत्री ने कहा कि इस प्रोत्साहन योजना से 3.35 लाख करोड़ रुपये का उत्पादन और 2,430 करोड़ रुपये का निवेश होने का अनुमान है. इससे सीधे तौर पर 75,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि सरकार ने फरवरी, 2021 में 7,350 करोड़ रुपये के व्यय के साथ आईटी हार्डवेयर के लिये पहली पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी. इसमें लैपटॉप, टैबलेट, सभी उपकरणों से युक्त पर्सनल कंप्यूटर और सर्वर शामिल हैं.
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