Tea Producers: सरकार ने एक दशक से अधिक समय से लगभग स्थिर बने हुए चाय निर्यात (Tea Export) को बढ़ाने के लिए देश भर के चाय उत्पादकों से गुणवत्ता में सुधार पर जोर देने का अनुरोध किया. वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव (बागान) अमरदीप सिंह भाटिया ने भारतीय चाय संघ (ITA) की वार्षिक आम बैठक को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक चाय निर्यात में देश की हिस्सेदारी 42% से घटकर 12% रह गई है.

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उन्होंने कहा कि केन्या और श्रीलंका की वैश्विक बाजारों में पहुंच बढ़ने से भारत ने कुछ निर्यात बाजार गंवा दिये हैं. भाटिया ने कहा, हमें चाय की गुणवत्ता में सुधार करने की जरूरत है. कीटनाशकों के उपयोग के बारे में परेशान करने वाली रिपोर्टें आई हैं जो चाय निर्यात को नुकसान पहुंचा रही हैं. अगर गुणवत्ता में सुधार नहीं किया गया तो एक्सपोर्ट बढ़ाना मुश्किल है. इस पर उद्योग के भीतर से जोर देना होगा. चाय बोर्ड एक सुविधाप्रदाता के रूप में कार्य करेगा.

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अब तक 9 करोड़ 64.9 लाख किलो चाय का निर्यात

चाय बोर्ड (Tea Board) के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2022 में भारत का चाय निर्यात 23.1 करोड़ किलोग्राम रहा. चालू कैलेंडर वर्ष के पहले छह महीनों में यह 9 करोड़ 64.9 लाख किलोग्राम रहा है. भाटिया ने कहा, गुणवत्तापूर्ण चाय की मांग में बढ़ोतरी को अंतरराष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर बढ़ाना होगा. ऐसे बाजारों की पहचान करने की जरूरत है जहां प्रति व्यक्ति चाय की खपत कम है. इन बाजारों का पता लगाना होगा. उन्होंने कहा, वैश्विक चाय निर्यात बाजार में हमारी हिस्सेदारी 42% थी, जो इस समय घटकर केवल 12% रह गई है. हमें वैश्विक चाय निर्यात में अपनी स्थिति फिर से हासिल करने की जरूरत है.

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दार्जिलिंग चाय का जिक्र करते हुए भाटिया ने कहा कि भौगोलिक संकेत (GI) टैग को संरक्षित करना और बढ़ावा देना महत्वपूर्ण है, जो इसने अपनी प्रीमियम गुणवत्ता के लिए अर्जित किया है. इसमें पश्चिम बंगाल सरकार की मदद की जरूरत है.

एक्सपोर्ट मार्केट में अधिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए मूल्य श्रृंखला में भी आगे बढ़ने की जरूरत है. भाटिया ने कहा, सब्सिडी को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है और सरकार इस पर विचार कर रही है कि इस पर फिर से किस तरह काम किया जा सकता है. चाय बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरव पहाड़ी ने इस बैठक में कहा कि निर्यात बढ़ाने के लिए स्टार्ट-अप को अधिक सार्थक तरीके से शामिल करने का समय आ गया है.

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