Sugar Price Hike: भारत और दूसरे चीन उत्‍पादक देशों में अल नीनो (El-Nino) प्रभाव के कारण मौसम शुष्‍क रहने से वैश्विक स्‍तर पर चीनी के दाम (Sugar Prices) इस साल 40% बढ़ गये हैं. एसएंडपी जीएससीआई एग्रीकल्चर इंडेक्स (S&P GSCI Agriculture Index) का हवाला देते हुए राबो बैंक (Rabo Bank) की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि गेहूं और मक्का दोनों के वायदा भाव में गिरावट आई है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमेरिकी अनाज के रकबे में सात साल में सबसे बड़ी वार्षिक बढ़ोतरी के साथ बड़े पैमाने पर ब्राजीलियाई मकई (corn) की रिकॉर्ड फसल और काले सागर से महत्वपूर्ण गेहूं निर्यात प्रवाह की निरंतरता से कीमतों में कमी आई है और S&P GSCI Agriculture Index में माह दर माह आधार पर 2% की नरमी दर्ज की गई है.

ये भी पढ़ें- Dairy बिजनेस से पैसा कमाने का बंपर मौका! देसी गाय खरीद पर सरकार दे रही Subsidy, जानिए पूरी डीटेल

अल-नीनो की वजह से बढ़ी चीनी की कीमत

रिपोर्ट में कहा गया है कि गेहूं और मक्‍के के विपरीत चीनी, कोको, रोबस्टा कॉफी और ऑस्ट्रेलियाई गेहूं के लिए मौसम का जोखिम अधिक बना हुआ है, क्योंकि अल नीनो (El Nino) का प्रभाव अधिक स्पष्ट हो गया है. भारत विशेष रूप से काफी शुष्क हो रहा है, जिससे चीनी की कीमत बढ़ रही है.

40% तक बढ़े भाव

रिपोर्ट के अनुसार, चीनी के मामले में प्रभाव अधिक तत्काल हो सकता है. अल नीनो थाईलैंड, भारत और ऑस्ट्रेलिया को सामान्य से अधिक शुष्क बना सकता है. ब्राजील के बाद ये तीन सबसे बड़े निर्यातक हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि अल नीनो के प्रभाव की आशंका से इस साल अब तक दाम 40% बढ़ चुके हैं.

ये भी पढ़ें- BRFSY: इस योजना में किसानों को नुकसान होने पर सरकार करती है भरपाई, 31 अक्टूबर तक मौका, ऐसे उठाएं फायदा

भारत और थाईलैंड पहले से ही शुष्क हैं, और उत्पादन अनुमान को संशोधित कर घटाया गया है. भारत के प्रमुख चीनी (Sugar) उत्पादक क्षेत्र महाराष्ट्र में जलाशयों में पानी की कमी के कारण 2024-25 सीजन में फसल प्रभावित होने की आशंका है.

कॉफी और कोको मार्केट पर भी गहरा असर

चीनी की तरह, कॉफी (Coffee) बाजार पर भी गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि वियतनाम दुनिया में सबसे बड़ा रोबस्टा उत्पादक है और इंडोनेशिया तीसरे नंबर पर है. वियतनाम में अधिकांश कॉफी फार्म सिंचित हैं, लेकिन इंडोनेशियाई फार्म सिंचित नहीं हैं. स्पष्ट रूप से, वर्ष की शुरुआत में रोबस्टा के दाम में देखी गई तेजी में अल नीनो (El Nino) प्रभाव का भी असर था.

ये भी पढ़ें- धान-गेहूं छोड़िए! इस फसल की खेती दिलाएगा बंपर मुनाफा

कोको (Cocoa) के मामले में पश्चिम अफ्रीका में सूखापन (वैश्विक कोको निर्यात के 70% के लिए जिम्मेदार क्षेत्र) और अल नीनो (El Nino) के बीच थोड़ा सा संबंध है. निश्चित रूप से, 2015-16 सीज़न में यही स्थिति थी, जब एक मजबूत अल नीनो के कारण पश्चिम अफ्रीकी उत्पादन कमजोर हो गया था.

ये भी पढ़ें- मुर्गी की ये टॉप 5 नस्लें बना देगी मालामाल, जमकर बरसेगा पैसा

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें