Success Story: खेती में मशीन के इस्तेमाल से उत्पादन और उत्पादकता दोनों में बढ़ोतरी होती है. लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से ज्यादातर किसान महंगे मशीन नहीं खरीद पाते हैं. तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई जिले के रहने वाले सेल्वापेरुमल ने किसानों को किराये पर कृषि मशीन उपबल्ध कराने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) स्थापित किया. इसके जरिए वो किसानों को किराये पर मशीन देकर तगड़ी कमाई कर रहे हैं.

कस्टम हायरिंग सेंटर क्या है

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कस्टम हायरिंग सेंटर (CHC) ऐसी जगह है जहां पर किसानों को एग्री मशीन किराये पर उपलब्ध करवाए जाते हैं. वैसे छोटे और सीमांत किसान है जिनकी आर्थिक स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है जिस कारण से वह महंगी कृषि मशीनें को खरीद पाने में असमर्थ होते हैं उन्हें यहां फायदा मिलता है.

ये भी पढ़ें- Business Idea: प्याज स्टोरेज हाउस से होगी तगड़ी कमाई, बनाने के लिए सरकार दे रही ₹4.50 लाख, इस तरह करें आवेदन

उधार लेकर शुरू किया बिजनेस

एग्री-क्लिनिक और एग्री-बिजनेस सेंटर योजना के तहत एक एनटीआई नेशनल एग्रो फाउंडेशन से प्रशिक्षण के बाद सेल्वापेरुमल ने पैडी कम्बाइंड हार्वेस्टर खरीदने का फैसला किया. उन्होंने बैंक लोन के लिए प्रयास किया लेकिन औपचारिकताओं के कारण इसमें देरी हुई. एक सीजन के नुकसान से बचने के लिए उन्होंने अपनी बचत और रिश्तेदारों से उधार लेकर कम्बाइंड हार्वेस्टर खरीदा.

हर महीने लाखों की कमाई

'सेल्वापेरुमल पैडी हार्वेस्टर' धान उत्पादकों को कम्बाइंड पैडी हारवेस्टर किराए पर देता है. कटाई के मौसम के दौरान सेल्वापेरुमल अपना हार्वेस्टर प्रति माह लगभग 150 से 200 घंटे चलाते हैं. 1300/घंटा किराये पर हर महीने 2,30,000 रुपये कमा लेते हैं. प्रत्येक महीने डीजल पर 90,000 रुपये और मेंटेनेंस पर 18,000 रुपये खर्च होते हैं. सेल्वापेरुमल खुद हार्वेस्टर चलाते हैं, इसलिए उन्हें एक सहायक के अलावा ड्राइवर की जरूरत नहीं थी.

ये भी पढ़ें- हेल्थ के लिए बेस्ट है लाल मूली, इसकी खेती कराएगी तगड़ी कमाई

मैनेज के मुताबिक, कटाई के मौसम के दौरान उनका मंथली प्रॉफिट औसतन 1,15,000/- रुपये है. सेल्वापेरुमल धान उत्पादकों को धान प्रोसेसिंग के प्राथमिक घटकों और फसल के बाद के नुकसान से बचने के बारे में भी सलाह देते हैं.