Success Story: गाय के गोबर से बने प्रोडक्ट्स भेजे जाएंगे अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया, करोड़ों का बिजनेस करने की उम्मीद
Success Story: दिवाली पर गोबर से बने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, दीये और कई और प्रोडक्ट की मार्केट में काफी डिमांड होती है. अब विदेशों से भी प्रोडक्ट्स के ऑर्डर मिलने लगे हैं.
Success Story: गांव के हर घर में आपको गाय देखने को मिल जाएगी. लेकिन शायद ही किसी ने सोचा होगा कि ये गाय से करोड़ो रुपये कमा सकते हैं. दरअसल जानकारी के अभाव में लोग बहुत कुछ नहीं कर पाते. गांव के घर और बाग बगीचे में या फिर किसी कोने में गोबर का ढेर जरूर देखा होगा. कहीं पर गोबर के उपले बनाए जाते हैं, तो कहीं खाद बनाकर खेत में डाला जाता है.शहर में सड़क के किनारे गोबर का ढेर भी देखा होगा. लेकिन जयपुर के व्यवसायी भीमराज शर्मा ने गाय के गोबर से जो बिजनेस शुरु किया, जिससे अब करोड़ो का मुनाफा होने वाला है.
बेटी के एक सवाल ने बनाया बिजनेसमेन हाथी के गोबर से कागज बनाया जा सकता है, तो गाय के गोबर से कागज क्यों नहीं बनता?’ जब जयपुर के व्यवसायी भीमराज शर्मा से 2016 में उनकी बेटी ने यह सवाल पूछा, तो वास्तव में यह प्रेरणा का एक स्रोत बना और शर्मा उस दिशा में आगे बढ़ते चले गये. आज वह गाय के गोबर से बने उत्पादों का अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में निर्यात कर रहे हैं. आत्मविश्वास से शुरु किया नया बिजनेस ऑफसेट प्रिंटिंग के व्यवसाय से जुड़े शर्मा ने इस विचार पर शोध करना शुरू किया और गाय के गोबर से कागज बनाया, हालांकि यह इतना अच्छा नहीं था, फिर भी उन्होंने अपने आत्मविश्वास को बनाये रखा. गाय के गोबर से कागज बनाने वाली गौकृति कंपनी के प्रमुख शर्मा ने बताया कि आज यह कागज न केवल उच्च गुणवत्ता का है, बल्कि ऐसा कोई उत्पाद नहीं है जो इस गाय के गोबर के कागज से नहीं बनाया जा सकता है. उन्होंने कागज बनाने के बाद एक कदम आगे बढ़ते हुए गाय के गोबर से गुलाल और छोटे हवन-कुंड जैसे सामान और राखी, पेंसिल, होली और दिवाली के विशेष सामान बनाने का भी सफल प्रयोग किया. शुरुआत में दोस्त उड़ाते थे मजाक भीमराज शर्मा ने शुरुआत में बॉक्स, लिफाफे और डायरी जैसे सामान बनाए और आज उत्पादों का दायरा 100 को पार कर गया है. ग्राहकों की जरूरत के अनुसार डायरी, बॉक्स, पेंसिल और सजावटी सामान से लेकर राखी, दिवाली और होली पैक जैसे सामान से लेकर छोटे हवन कुंड तक, सभी सामान कंपनी बना रही है. इन सामानों का आस्ट्रेलिया और अमेरिका को निर्यात भी किया जा रहा है. शर्मा ने कहा कि शोध और विकास के शुरुआती दिनों में उनके दोस्त उनका मजाक उड़ाते थे. करोड़ों का बिजनेस करने की उम्मीद भीमराज शर्मा ने कहा कि “मुझे उम्मीद है कि आने वाले वित्त वर्ष में कंपनी का कारोबार एक करोड़ रुपये को पार कर जाएगा. शर्मा ने कहा कि वह अब गाय के गोबर के साथ अन्य जानवरों के गोबर का उपयोग कागज और अन्य सामान बनाने के लिए कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि “उनकी यह पहल न केवल लाभ कमाने के लिए बल्कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी है. दुनिया भर में कागज की भारी मांग है और इसके लिए मुख्य रूप से मिल पेपर का उपयोग किया जाता है.” उन्होंने कहा कि गाय के गोबर से बने कागज और सामान्य हस्तनिर्मित कागज में ज्यादा अंतर नहीं होता है.