Success Story: केंद्र और राज्य सरकारें मछली पालन (Fish Farming) को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चलाई हैं. इसके तहत मछुआरों और मत्स्य पालक किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई रियायतें दी जा रही है. इसी कड़ी में, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाओं को 60% तक अनुदान (Subsidy) भी दिया जा रहा है, जिससे इस वर्ग के लोग भी मछली पालन को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुढृढ़ कर रहे है.

पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मछली पालन शुरू किया

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दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मैलावाड़ा के प्रगतिशील किसान जयराम कश्यप ने मत्स्य पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए अन्य किसानो के लिए प्रेरक बन गए है. पारंपरिक खेती से सीमित आय प्राप्त करने वाले जयराम ने 2017 में अपनी पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मत्स्य पालन शुरू किया. उन्होंने मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में इन योजनाओं का फायदा उठाते हुए अपनी सवा एकड़ भूमि पर तालाब का निर्माण कराया और 2023-24 में 25 डिसमिल भूमि में पौंड-लाइनर भी स्थापित किया.

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सालाना 5.50 लाख रुपये का मुनाफा

जयराम कश्यप ने सघन मत्स्य पालन तकनीक अपनाते हुए रोहू, कतला, मृगल और कॉमन कॉर्प जैसी उन्नत नस्लों का पालन किया. उनके पौंड-लाइनर में सारंगी (फंगाल) जैसी मछलियों के बीजों को तैयार किया जाता है. तालाबों में ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति और वैज्ञानिक तरीकों से मछलियों की बेहतर देखभाल की जाती है. कश्यप को मछली पालन (Fisheries) से सालाना 5.50 लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है, जो कि उनके कृषि आय से कई गुना अधिक है. उनके दोनों पुत्र इस बिजनेस में सहयोग कर रहे हैं. स्थानीय बाजार में मछलियों की अधिक मांग के कारण उनकी मछलियां आसानी से बिक जाती हैं.

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बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य में मछली पालन को प्रोत्साहन देने के लिए मछुआरों को तालाब निर्माण, उपकरण, परिपूरक आहार और मत्स्य बीजों के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है. जयराम कश्यप ने बताया कि वे अपने तालाब के पास कुक्कुट शेड (Poultry Farming) बनाकर आय के स्रोतों को और बढ़ाने के लिए प्रयासरत है. छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और जयराम कश्यप जैसे प्रगतिशील किसानों के प्रयासों ने दंतेवाड़ा जिले में मत्स्य पालन को एक आकर्षक और स्थायी बिजनेस बना दिया है. यह सफलता क्षेत्र के अन्य किसानों को भी मत्स्य पालन के प्रति प्रेरित कर रही है.

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