Gypsum Fertilizer: रबी सीजन की फसलों की बुवाई का समय आ गया है. इस सीजन में गेहूं, चना, मटर और सरसों की बुवाई की जाएगी. इसके लिए किसानों को बेहतर क्वालिटी की बीज उपलब्ध कराया जा रहा है. इस कड़ी में राजस्थान सरकार प्रदेश में किसानों को जिप्सम (Gypsum) पर अनुदान दे रही है, ताकि किसान अनुदान पर जिप्सम लेकर अपने खेतों में इसका छिड़काव कर फसलों की पैदावार बढ़ा सके. जिप्सम से न केवल क्षारीय मिट्टी की उपजाऊ क्षमता को बढ़ावा मिलता है, बल्कि यह फसलों के उत्पादन बढ़ाने के साथ ही गुणवत्ता भी बढ़ाने में मददगार होता है.

ऑनलाइन करना होगा आवेदन

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कृषि विभाग द्वारा किसानों को अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से 50% से 100% अनुदान पर रबी में 2050 मीट्रिक टन जिप्सम वितरण के लक्ष्य प्राप्त हुए है. किसान अपनी जिप्सम की मांग राज किसान साथी सुविधा ऐप पर जनाधार नम्बर से लॉगिन कर अपने क्षेत्र के सम्बन्धित कृषि पर्यवेक्षक को ऑनलाइन एप के माध्यम से दे सकेंगे.

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कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक शंकर लाल मीना ने बताया कि भूमि सुधार कार्यक्रम के लिए गत 6 माह में बनी जिप्सम मांग रिपोर्ट अपलोड करनी होगी. बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के तहत क्षारीय भूमि सुधार के लिए कृषकों को जिप्सम 'पहले आओ पहले पाओ' के आधार पर 100% अनुदान पर (निःशुल्क) मिलेगा. प्रति किसान अधिकतम 0.5 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए भूमि की जिप्सम मांग के अनुसार अधिकतम 1.50 मीट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध करवाया जा सकेगा. 

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत सॉयल हेल्थ फर्टिलिटी कम्पोनेंट के तहत भूमि सुधार के लिए 50% अनुदान पर एक किसान को अधिकतम 2 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए भूमि की जिप्सम मांग रिपोर्ट के अनुसार प्रति हेक्टेयर अधिकतम 5 मीट्रिक टन जिप्सम उपलब्ध करवाया जा सकेगा. राष्ट्रीय खाद्य मिशन अन्तर्गत दलहन फसलों में जिप्सम 250 किलो प्रति हेक्टेयर 50% अनुदान या अधिकतम 750 रुपये प्रति हेक्टेयर प्रति कृषक अधिकतम 2 हेक्टेयर तक देय है.