Subsidy News: सरकारी मदद से शुरू किया बिजनेस, चार देशों में मूंगफली बेचकर कमा रहा करोड़ों
Subsidy News: राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत किसानों को एग्री प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस और मिल्क चिलिंग प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी देती है.
Subsidy News: राजस्थान सरकार किसानों को कृषि आधारित इंडस्ट्री लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्कीम चला रही है. राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति के तहत किसानों को एग्री प्रोसेसिंग इंडस्ट्री, कोल्ड स्टोरेज, पैक हाउस और मिल्क चिलिंग प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी (Subsidy) देती है. इससे न केवल उनके कृषि उत्पादों को नया बाजार मिला है, बल्कि उनकी आय में भी इजाफा हो रहा है. किसानों को राज्य में कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए नीति के तहत 2 करोड़ 60 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है.
50 लाख रुपये का मिला अनुदान
जयपुर के रहने वाले हर्षित दुसाद राज्य सरकार की इस स्कीम का फायदा उठाया. उन्होंने 3 करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से सोर्टिंग ग्रेडिंग मूंगफली की प्रोसेसिंग यूनिट लगाई. योजना के तहत राज्य सरकार से 50 लाख रुपये का अनुदान मिला. हर्षित अपने उत्पादों को बांग्लादेश, नेपाल, अफगानिस्तान, श्रीलंका के साथ पूरे देश भर में बिक्री कर रहे हैं. आज उनकी कंपनी का सालाना टर्न-ओवर 45 करोड़ रुपये तक है. साथ ही वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 30 से ज्यादा लोगों को भी रोजगार दे रहे हैं.
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किसानों की बढ़ रही कमाई
राजस्थान सरकार द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ उठाकर किसान अपनी फसल को खेत के निकट ही प्रोसेसिंग कर उसकी कीमत में बढ़ोतरी कर रहे हैं. इससे किसानों को अपनी फसल की बेहतरीन कीमत तो मिल ही रही है, साथ ही रोजगार भी पैदा हो रहा है.
लोन पर 1 रुपये का ब्याज अनुदान
प्रोसेसिंग यूनिट लगाने पर किसानों को कैपिटल सब्सिडी (Capital Subsidy) के अलावा लोन पर ब्याज अनुदान (Interest Subsidy) दिया जा रहा. जिसमें किसानों को 6% की दर से अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान दिया जाएगा. वहीं अन्य को 5% की दर से अधिकतम 50 लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा.
इनकी लगा सकते हैं प्रोसेसिंग यूनिट
राज्य सरकार की फ्लैगशिप योजना के तहत फल और सब्जी प्रोसेसिंग, मसाला प्रोसेसिंग, अनाजों व अन्य उपभोक्ता खाद्य प्रोसेसिंग, तिलहन उत्पादन, चावल और आटा मिलिंग, दलहन प्रोसेसिंग, हर्बल, औषधीय, फूल और सुगंधित उत्पाद, लघु वन उपज प्रोसेसिंग, हनी प्रोसेसिंग, गैर खाद्य प्रोसेसिंग, खाद्य जायके और रंग, ओलीओरेजिन्स और मशरूम सहित अन्य प्रकार के कृषि और बागवानी उत्पादों का प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित कर सकते हैं. इसी प्रकार मशरूम उत्पादन बायो- चारा और पेलेट्स में कृषि अपशिष्ट का प्रोसेसिंग यूनिट लगा सकते हैं.
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