मौसम की मेहरबानी से सोयाबीन की पैदावार 6% बढ़ी, 126 लाख टन रहने का अनुमान
Soybean Production: इस बार देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में मानसून की बारिश का वितरण अच्छा रहा जिससे फसल की पैदावार को बल मिला. किसानों द्वारा खेती के उन्नत तरीके अपनाए जाने से भी फसल की पैदावार बढ़ी.
)
Soybean Production: प्रोसेसर्स के एक प्रमुख संगठन का अनुमान है कि मौजूदा खरीफ सत्र के दौरान अनुकूल मौसमी हालात से देश में सोयाबीन की पैदावार करीब 6 फीसदी बढ़कर 126 लाख टन के आस-पास पहुंच गई, जबकि इसका रकबा पिछले सत्र के लगभग बराबर रहा. संगठन के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया, इस बार देश के प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में मानसून की बारिश का वितरण अच्छा रहा जिससे फसल की पैदावार को बल मिला. किसानों द्वारा खेती के उन्नत तरीके अपनाए जाने से भी फसल की पैदावार बढ़ी.
सोयाबीन की पैदावार 125.82 लाख टन रही
उन्होंने बताया कि पिछले खरीफ सत्र के दौरान देश में सोयाबीन की प्रति हेक्टेयर औसत उत्पादकता 1,002 किलोग्राम रही थी, जबकि इस बार यह बढ़कर 1,063 किलोग्राम पर पहुंच गई. पाठक ने बताया कि वर्ष 2023 के खरीफ सत्र के दौरान सोयाबीन बुआई के बाद अगस्त के महीने में प्रमुख सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में तीन हफ्ते तक बारिश के अभाव से खेतों में नमी की गंभीर कमी हो गई थी, नतीजतन फसल की उत्पादकता गिर गई थी.
ये भी पढ़ें- खाली खेत से भी होगा मोटा मुनाफा, इस काम के लिए सरकार देगी 50% सब्सिडी, फटाफट उठाएं फायदा
TRENDING NOW

बिना एक भी टिकट बेचे पैसेंजर्स से कमा लिए ₹2.70 करोड़, जानें कैसे सेंट्रल रेलवे ने कर दिया ये कारनामा

वीकेंड में इस कंपनी को महाराष्ट्र सरकार से मिला बड़ा ऑर्डर, सालभर में दिया 265% रिटर्न, शेयर पर रखें नजर

Income Tax के रडार पर हैं 40 हजार टैक्सपेयर्स, जानिए इन्होंने की क्या गलती, जिसके चलते होने वाली है कार्रवाई!

45 के करीब पहुंच गई है उम्र और अब तक नहीं की रिटायरमेंट प्लानिंग? ये तरीका आजमाइए, 60 तक जोड़ लेंगे सवा करोड़ से ज्यादा
सोपा का अनुमान है कि देश में इस बार खरीफ सत्र के दौरान 118.32 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया और इसकी पैदावार 125.82 लाख टन रही. संगठन के आंकड़ों के मुताबिक 2023 के खरीफ सत्र के दौरान देश में कुल 118.55 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया था और इस तिलहन फसल की पैदावार 118.74 लाख टन के आस-पास रही थी.
SOPA के मुताबिक देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्य प्रदेश में इस बार करीब 52 लाख हेक्टेयर में यह तिलहन फसल बोई गई और इसका उत्पादन 55.40 लाख टन के स्तर पर रहा. संगठन के मुताबिक मौजूदा खरीफ सत्र में महाराष्ट्र में 45 लाख हेक्टेयर रकबे से सोयाबीन का 50.17 लाख टन उत्पादन अनुमानित है, जबकि राजस्थान में 11.13 लाख हेक्टेयर में इस तिलहन फसल की बुआई हुई और इसकी पैदावार 10.53 लाख टन के आस-पास रही.
ये भी पढ़ें- प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों की बल्ले-बल्ले! इस राज्य में MSP पर होगी उपज की खरीद, जानिए रेट्स
सोयाबीन की MSP 292 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया
भारत अपनी जरूरत का करीब 60 फीसदी खाद्य तेल आयात करता है. ऐसे में जानकारों का मानना है कि खाद्य तेलों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने के लिए देश में सोयाबीन सरीखी प्रमुख तिलहन फसल की पैदावार बढ़ाए जाने की जरूरत है. केंद्र सरकार ने विपणन सत्र 2024-25 के लिए सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पिछले सत्र के 4,600 रुपये प्रति क्विंटल से 292 रुपये बढ़ाकर 4,892 प्रति क्विंटल तय किया है.
12:47 PM IST