Sarkari Yojana: जलवायु परिवर्तन के कारण झारखंड में अल्प, असामान्य और असमय बारिश हो रही है. जिसमें 2-3 वर्षों से सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है. प्रमुख फसल धान और मक्का फसल का काफी नुकसान हो रहा है जिसकी वजह से उत्पादन भी कम हो रहा है. वैज्ञानिकों ने अलग-अलग फसलों प्रजातियां विकसित की हैं, जो कम पानी और कम समय में अधिक उत्पादन दे रही है.

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कम पानी को देखते हुए किसान भाइयों को दलहन, तेलहन और मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा दी जा रही है. इन फसलों की खेती कम पानी, कम समय, कम खर्च में आसानी से की जा सकती है. इसके साथ ही मोटे अनाजों में काफी पोषक तत्व मौजूद होता है जो स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. वर्तमान में मोटे अनाजों से कई प्रकार के व्यंजन और अन्य चीजें बनाई जा रही है जिसमें देश के किसानों को अत्यधिक फायदा मिल रहा है. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया गया है. 

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3000 से 15000 रुपये प्रोत्साहन का प्रावधान

वर्ष 2024-25 में राज्य सरकार द्वारा झारखंड मिलेट मिशन योजना शुरू की गई है. इस योजना में मोटे अनाज मडुआ, ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो आदि की खेती करने पर विभाग द्वारा 3,000 रुपये से 15,000 रुपये प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है. एक किसान को न्यूनतम 10 डिसमिल से 5 एकड़ तक के लिए प्रति किसान 3,000 से 15,000 रुपये तक प्रति किसान को DBT के माध्यम से उनके खाते में राशि ट्रासंफर किया जाएगा.

झारखंड राज्य मिलेट मिलेन योजना की खासियतें

  • रैयत और बटाईदार किसान पात्र हैं.
  • किसानों को 5 एकड़ क्षेत्र तक के लिए 15,000 रुपये प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी.
  • डेमॉस्ट्रेशन क्लस्टर 5-10 हेक्टेयर प्रति वर्ष प्रति प्रखंड में किया जाएगा.
  • मिलेट बीज बैंक की स्थापना के लिए SHG, FPO, Cooperative Socities, KVKs आदि को समर्थन देना.
  • मिलेट उत्पादन में सर्वश्रेष्ठ मिलेट किसानों और मिलेट बीज बैंक को नकद पुरस्कार का प्रावधान है.

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ऐसे किसान उठा सकते हैं फायदा

किसान भाई प्रोत्साहन राशि का फायदा ले सकते हैं. किसान इन प्रक्रियाओं को अपनाकर इस योजना का फायदा उठा सकते हैं.

  • वैसे किसान जो झारखंड के स्थायी निवासी हैं.
  • अनुदान रैयत और बटाईदार दोनों तरह के किसानों के लिए देय होगा.
  • न्यूनतम 10 डिसमिल से अधिकतम 5 एकड़ जमीन में मिलेट की खेती करने वाले किसान.
  • मिलेट फसलों जैसे रागी, ज्वार और बाजार की खेती की निर्धारित की गई कुल लागत का 30 फीसदी अनुदान या 3,000 रुपये प्रति एकड़ देय होगा.
  • किसानों को फायदा लेने के लिए प्रज्ञा केंद्रों के सहयोग से ऑनलाइन पंजीकरण करना होगा. पहले से योजनाओं का फायदा लेने के लिए रजिस्टर्ड किसानों को दोबारा पंजीकरण की जरूरत नहीं है. लेकिन मिलेट योजना में आवेदन करना जरूरी है.
  • किसानों को प्रति वर्ष 30 अगस्त से पहले आवेदन करना जरूरी होगा.
  • किसानों के पास वैध आधार नंबर, मोबाइल नंबर और बैंक पासबुक होना अनिवार्य है.

अधिक जानकारी के लिए अपने प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रखंड कृषि पदाधिकारी और प्रखंड तकनीकी प्रबंधक, सहायक तकनीकी प्रबंधक से संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, टोल फ्री नंबर 1800-123-1136 या वेबसाइट kccjharkhand.in पर संपर्क कर सकते हैं.