गैर बासमती चावल पर नया अपडेट, अब Prohibited कैटेगरी में नॉन बासमती चावल एक्सपोर्ट होगा
Non-Basmati Rice Export Ban: सरकार ने नॉन बासमती चावल (Non-Basmati Rice) एक्सपोर्ट एक्सपोर्ट की शर्तों में बदलाव किया. अब प्रतिबंधित कैटेगरी में नॉन बासमती चावल एक्सपोर्ट होगा. बता दें कि नॉन-बासमती चावल एक्सपोर्ट पर पूरी तरह से रोक है.
Non-Basmati Rice Export Ban: चावल की लगातार बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पिछले महीने चावल के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब सरकार ने नॉन बासमती चावल (Non-Basmati Rice) एक्सपोर्ट एक्सपोर्ट की शर्तों में बदलाव किया. अब प्रतिबंधित कैटेगरी में नॉन बासमती चावल एक्सपोर्ट होगा. बता दें कि नॉन-बासमती चावल एक्सपोर्ट पर पूरी तरह से रोक है.
बता दें कि घरेलू बाजार में चावल के दाम में बढ़ोतरी का रुझान बना हुआ है. खुदरा बाजार में कीमतों में एक साल पहले के मुकाबले 11.5% और पिछले माह के मुकाबले 3% की बढ़ोतरी हुई है. घरेलू बाजार में कीमतें कम करने और पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 8 सितंबर 2022 को गैर-बासमती सफेद चावल पर 20% निर्यात शुल्क लगाया गया था. हालांकि, 20% एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाये जाने के बावजूद इस किस्म के चावल का निर्यात 33.66 लाख मीट्रिक टन (सितंबर-मार्च 2021-22) से बढ़कर 42.12 लाख मीट्रिक टन (सितंबर- मार्च 2022- 23) तक पहुंच गया.
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चालू वित्त वर्ष 2023-24 में अप्रैल से जून की अवधि में इस किस्म के 15.54 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात किया गया जबकि वित्त वर्ष 2022-23 की इसी अवधि (अप्रैल- जून) के दौरान केवल 11.55 लाख मीट्रिक टन चावल का निर्यात हुआ था, यानी 35% बढ़ोतरी. निर्यात में तेज बढ़ोतरी के लिये जियो-पॉलिटिकल आउटलुक, अल-नीनो (El-Nino) धारणा और दुनिया के चावल उत्पादक देशों में कठिन जलवायु परिस्थितियां आदि जिम्मेदार हैं.
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देश के कुल चावल निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल का 25% योगदान होता है. गैर-बासमती सफेद चावल (Non Basmati White Rice) के निर्यात को प्रतिबंधित करने से देश में उपभोक्ताओं के लिये इसके दाम कम होंगे.
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