भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शुक्रवार को कहा कि केंद्रीय बैंक सब्जियों की कीमतों पर नजर बनाए रखेगा जो बढ़ती गर्मी से प्रभावित हो सकती हैं. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने देश के कई हिस्सों में इस साल गर्मी के मौसम (अप्रैल से जून) में लू चलने का पूर्वानुमान लगाया है. वित्त वर्ष 2024-25 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा के बाद पत्रकारों के साथ बातचीत में दास ने कहा हमें यह देखना होगा कि इसका खाद्य फसलों पर क्या असर पड़ता है. मैंने प्रमुख सब्जियों का उल्लेख किया है. 

गेहूं फसल को लेकर उतनी चिंता नहीं है

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गेहूं की फसल को लेकर उन्होंने कहा कि हमारी जानकारी यह है कि कटाई का काम लगभग पूरा हो चुका है. भारत के मध्य हिस्से में यह पूरी तरह चुका है और अन्य स्थानों पर भी गेहूं की फसल लगभग तैयार है. उन्होंने कहा कि गेहूं की उपलब्धता पर उतना असर नहीं पड़ेगा जितना दो साल पहले पड़ा था जब मार्च से काफी लू चली थी. दास ने कहा, ‘‘ इसलिए गेहूं के मामले में ज्यादा चिंता नहीं है, लेकिन सब्जियों की कीमतों पर नजर रखनी होगी. लू के कई अन्य प्रभाव हो सकते हैं.’’ 

प्रतिकूल मौसम से महंगाई पर होता है बुरा असर

उन्होंने कहा कि महंगाई कम होने का अंतिम पड़ाव हमेशा चुनौतीपूर्ण और मुश्किल होता है. इस मुद्दे पर आरबीआई के डिप्टी गवर्नर एम. डी. पात्रा ने कहा कि खाद्य महंगाई अत्यधिक अस्थिर रही है और प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण इसके ऊंचा रहने की आशंका है. हालांकि, रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 4.5 फीसदी पर बरकरार रखा है. 

FY25 के लिए खुदरा महंगाई का अनुमान 4.5% रखा गया है

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘ यह  मानते हुए कि मानसून सामान्य रहेगा 2024-25 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई 4.5 फीसदी रहने का अनुमान है.’’ आरबीआई के अनुसार, पहली तिमाही में महंगाई के 4.9 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.8 फीसदी, तीसरी तिमाही में 4.6 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.5 फीसदी रहने की संभावना है.