Wheat Sowing: देश में गेहूं की बुवाई अच्छी चल रही है और दो प्रमुख उत्तरी राज्यों में धान की कटाई में देरी के बावजूद आने वाले दिनों में इसमें तेजी आने की उम्मीद है. कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि आने वाले दिनों में गेहूं की बुवाई में तेजी आएगी. उन्होंने बताया कि कुल बुवाई क्षेत्रफल पिछले हफ्ते तक पिछले वर्ष के स्तर को पार गया था.

पंजाब और हरियाणा में भी बुवाई में तेजी आने की उम्मीद

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उन्होंने कहा कि मिट्टी की नमी की अनुकूल स्थिति और मौसम गेहूं की बुवाई के लिए सहायक हैं, जिससे डायमोनियम फॉस्फेट (DAP) जैसे उर्वरकों की मांग बढ़ रही है. पंजाब और हरियाणा में भी बुवाई में तेजी आने की उम्मीद है, जहां देर से हुई मानसूनी बारिश के कारण धान की कटाई में देरी हुई है.

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गेहूं की जलवायु प्रतिरोधी किस्मों को बढ़ावा

हालांकि, चतुर्वेदी ने आगाह किया कि जनवरी-फरवरी में तापमान में किसी भी तरह की बढ़ोतरी पैदावार के लिए जोखिम उत्पन्न कर सकती है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को मौसम संबंधी चुनौतियों से निपटने में मदद करने के लिए जलवायु प्रतिरोधी गेहूं की किस्मों को बढ़ावा दे रही है. चतुर्वेदी ने बताया कि सरसों (Mustard) और चना (Chickpea) सहित अन्य शीतकालीन फसलों की बुवाई भी अच्छी चल रही है.

बता दें कि देश की मुख्य रबी फसल (Rabi Crops) गेहूं आमतौर पर नवंबर में बोई जाती है और मार्च-अप्रैल में काटी जाती है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान प्रमुख उत्पादक राज्य हैं.

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