दाल की महंगाई से मिलेगी राहत, भारत के लिए उड़द, तुअर का उत्पादन करेगा रूस
Pulses Production: रूस हाल के दिनों में भारत के मसूर (Lentils) और पीली मटर (Yellow Peas) के आयात का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है.
Pulses Production: दाल की महंगाई से त्रस्त आम आदमी के लिए राहत की खबर है. रूस, जो उड़द (Urad) और तुअर (Tur) उत्पादन में विविधता लाने पर विचार कर रहा है, भारत के साथ दलहन व्यापार सहयोग को बढ़ाना चाहता है. रूस के उप मंत्री मैक्सिम टिटोव के नेतृत्व में एक रूसी प्रतिनिधिमंडल ने उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे से मुलाकात की, जिसमें दलहन के क्षेत्र में व्यापार सहयोग बढ़ाने की संभावना पर विस्तार से चर्चा की गई.
उपभोक्ता मामलों के विभाग ने बयान में कहा कि रूस हाल के दिनों में भारत के मसूर (Lentils) और पीली मटर (Yellow Peas) के आयात का एक प्रमुख स्रोत बनकर उभरा है. बयान के अनुसार, इन दो दालों के अलावा, रूस अपनी दालों के उत्पादन में उड़द (Black Matpe) और तुअर (Pigeon Pea) तक विविधता लाने पर भी विचार कर रहा है. भारत 30-40 लाख टन की घरेलू कमी को पूरा करने के लिए दालों के आयात पर निर्भर है.
देश में दालों की उपलब्धता के बारे में सरकार ने कहा कि बेहतर खरीफ संभावना और निरंतर आयात के कारण जुलाई, 2024 से तुअर, उड़द और चना जैसी प्रमुख दालों की आपूर्ति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. इसमें कहा गया है, इस साल तुअर, उड़द, चना और पीली मटर के आयात के मजबूत प्रवाह के साथ दालों की समग्र उपलब्धता आरामदायक रही है.
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तुअर की फसल अच्छी बताई जा रही है और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में तुअर की फसल की शुरुआती कटाई शुरू हो गई है. नवंबर के पहले सप्ताह तक कैलेंडर वर्ष 2024 के लिए तुअर और उड़द का आयात क्रमशः 10 लाख टन और 6.40 लाख टन था, जो पिछले पूरे साल के आयात के आंकड़ों को पार कर गया है.
सरकार ने कहा कि नवंबर से ऑस्ट्रेलिया से थोक माल में चना आयात की आवक की उम्मीद है. उसने कहा कि दालों के लिए स्रोत देशों के हालिया विविधीकरण ने बढ़ती प्रतिस्पर्धी दरों पर निरंतर प्रवाह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
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इस बीच, चना, मसूर, उड़द और मूंग की रबी बुवाई की शुरुआती रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि लंबे समय तक बारिश के कारण कुछ राज्यों में शुरुआती देरी के बाद अब बुवाई के रकबे में सुधार हो रहा है. बयान में कहा गया है, अच्छी कीमत प्राप्ति के कारण समग्र धारणा और बुवाई का माहौल उत्साहजनक है.