तमाम राज्‍यों में आलू की आपूर्ति रोके जाने के मुद्दे पर आलू व्‍यापारियों की सरकार के साथ बैठक बेनतीजा रही. राज्य में आलू की आपूर्ति के लिए आलू एक्सपोर्ट बंद करने के मामले पर ममता सरकार से कोई आश्‍वासन न मिलने के बाद आलू व्‍यापारी हड़ताल पर चले गए हैं. आलू होलसेलर्स ने आज मंगलवार से खुदरा बाजार में आलू बेचना ही बंद कर दिया. इसका असर आलू की कीमतों पर भी देखने को मिला है.

कितनी बढ़ी आलू की कीमत

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प्रोग्रेसिव आलू व्‍यापारियों ने हड़ताल पर जाने के बाद बाजार में आलू भेजना बंद कर दिया है. इसके चलते एक दिन में 50 किलो की बोरी का कीमत 150 रुपए तक बढ़ गई है. ज्‍योति आलू 36 रुपए किलो के दाम से बिक रहा है. कल से आज 3 रुपए दाम बढ़ गया है. वहीं पंजाब से आने वाले नए आलू की फसल खराब होने के कारण नया आलू का दाम 45 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है.

जानिए क्‍या है पूरा मामला

बता दें कि पश्चिम बंगाल हर साल ओडिशा, बिहार, झारखंड और असम जैसे तमाम राज्‍यों को पश्चिम बंगाल में उगाए जाने वाले आलू बेचता है. लेकिन पश्चिम बंगाल ने हाल ही में स्थानीय बाजारों में आलू की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए पड़ोसी राज्यों को आलू बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया है. बंगाल सरकार ने दो-टूक कहा है कि वो पहले अपने राज्य के लोगों की जरूरतें पूरी करेगी, उसके बाद दूसरे राज्यों के बारे में सोचा जाएगा.

बंगाल सरकार के इस फैसले के बाद राज्‍य की सीमाओं पर पुलिस ने निगरानी बढ़ा दी है. इसके कारण तमाम व्‍यापारियों के आलू से लदे ट्रक फंसे हुए हैं. इसको लेकर आलू व्‍यापारियों में नाराजगी है. सोमवार को राज्य के कृषि विपणन मंत्री बेचाराम मन्ना ने खाद्य भवन में आलू व्यवसायियों व हिमघरों के मालिकों के साथ बैठक की, लेकिन बैठक में कोई हल नहीं निकला, जिसके बाद आलू व्‍यापारी हड़ताल पर चले गए हैं. 

बता दें कि झारखंड में सालभर के आलू की मांग का लगभग 60 परसेंट पश्चिम बंगाल पूरा करता है, जबकि बाकी मांग उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और स्थानीय उत्पादन से पूरी होती है. पश्चिम बंगाल की ओर से दूसरे राज्‍यों में आलू की आपूर्ति रोके जाने के बाद झारखंड के खुदरा बाजार में भी आलू की कीमत में उछाल आया है.