PM Kisan AI Chatbot: किसानों को हर सवाल का मिलेगा सटीक जवाब, 22 भाषाओं में होगा उपलब्ध
PM Kisan AI Chatbot: फिलहाल चैटबॉट अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, उड़िया और तमिल में उपलब्ध है. कुछ ही समय में यह देश की सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध होगा.
PM Kisan AI Chatbot: कृषि क्षेत्र को तकनीक के साथ जोड़ने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के लिए AI (AI) चैटबॉट (PM Kisan Mitra) लॉन्च हुआ है. एआई चैटबॉट (AI Chatbot) का लॉन्च पीएम-किसान योजना की पहुंच बढ़ाने और किसानों को उनके सवालों का फटाफट, स्पष्ट और सटीक जवाब प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने पीएम किसान एआई चैटबोट लॉन्च किया. कृषि मंत्रालय ने अलग-अलग भाषाओं में AI चैटबॉट के माध्यम से किसानों की समस्याओं का समाधान एक ही स्थान पर मोबाइल के माध्यम से करने की पहल कर उनकी शिकायतों का निपटान करने का एक महत्वपूर्ण काम किया है. यह बड़ा कदम किसानों के जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाला है.
ये भी पढ़ें- अदरक की ये 5 किस्में देती है बंपर पैदावार, किसान होंगे मालामाल
किसान ड्रोन से हो रही खेती
कृषि राज्य मंत्री ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने गुड गवर्नेंस के तहत तकनीक के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आह्वान किया है और आज की गई यह पहल उसमें मील का पत्थर साबित होगी. उन्होंने कहा कि आज कृषि में तकनीक के इस्तेमाल का ही प्रभाव है कि किसान ड्रोन (Drone) के माध्यम से खेती कर रहा है जिसके चलते युवा भी कृषि की ओर आकर्षित हो रहा है. इसी के चलते देश में कृषि के क्षेत्र में नए-नए स्टार्ट-अप (Startup) शुरू हो रहे हैं.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री ने राज्य के अधिकारियों से अपील की कि वे किसानों को AI (एआई) चैटबॉट के प्रयोग के लिए प्रशिक्षण प्रदान करें व उचित निगरानी रखें और इसके प्रयोग के प्रारंभिक दौर में आने वाली समस्याओं का तुरंत प्रभाव से समाधान करें. उन्होंने इस पहल को मौसम की जानकारी, फसल नुकसान व मृदा की स्थिति की जानकारी देने, बैंक पेमेंट आदि से जोड़ने की बात पर बल दिया. राज्य मंत्री ने बहुत कम समय में तकनीक को शामिल करने के लिए मंत्रालय के अधिकारियों की सराहना की और कहा कि इससे केंद्र और राज्यों के कृषि अधिकारियों के ऊपर काम का बोझ कम हो जाएगा.
ये भी पढ़ें- मोती की खेती बना देगी मालामाल, जानिए कैसे
22 भाषाओं में होगा उपलब्ध
पीएम किसान मोबाइल ऐप (PM Kisan Mobile App) के माध्यम से सुलभ एआई चैटबॉट को भाषिनी (Bhashini) के साथ एकीकृत किया गया है, जो पीएम किसान लाभार्थियों की भाषाई और क्षेत्रीय विविधता को पूरा करते हुए बहुभाषी समर्थन प्रदान करता है. एडवांस टेक्नोलॉजी के इस एकीकरण से न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी बल्कि किसानों को सूचित फैसले लेने में भी सशक्त बनाया जाएगा. वर्तमान में चैटबॉट अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, उड़िया और तमिल में उपलब्ध है. कुछ ही समय में यह देश की सभी 22 भाषाओं में उपलब्ध होगा.
यह केंद्र सरकार की प्रमुख फ्लैगशिप योजना के साथ एकीकृत पहला AI (एआई) चैटबॉट है. AI (एआई) चैटबॉट माध्यम से देश भर के किसानों को निर्बाध सहायता और समर्थन प्रदान की जाएगी. योजना की जानकारी तक पहुंचने और शिकायतों को हल करने में किसानों के सामने आने वाली चुनौतियों को पहचानते हुए, कृषि और किसान कल्याण विभाग ने पीएम किसान (PM Kisan) के लिए एआई चैटबॉट पेश करने के लिए एक प्रगतिशील कदम उठाया. इस चैटबॉट को ईकेस्टेप (EKstep) फाउंडेशन और भाषिनी (Bhashini) के सहयोग से विकसित और बेहतर बनाया जा रहा है.
किसानों के सवालों को मिलेगा जवाब
पीएम-किसान शिकायत प्रबंधन प्रणाली में एआई चैटबॉट (AI Chatbot) की शुरुआत का उद्देश्य किसानों को उपयोगकर्ता-अनुकूल और सुलभ प्लेटफॉर्म के साथ सशक्त बनाना है. विकास के अपने पहले चरण में, एआई चैटबॉट किसानों को उनके आवेदन की स्थिति, भुगतान विवरण, अपात्रता की स्थिति और अन्य योजना-संबंधित अपडेट की जानकारी प्राप्त करने में सहायता करेगा.
PM Kisan के तहत मिलते हैं 6000 रुपये
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) भारत में भूमि-धारक किसानों की वित्तीय जरूरतों की सहायता करने के लिए फरवरी 2019 में शुरू की गई एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है. यह योजना प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) मोड के माध्यम से पात्र किसान परिवारों को तीन समान किस्तों में 6,000 रुपये का वार्षिक वित्तीय लाभ प्रदान करती है. इसकी स्थापना के बाद से अब तक 11 करोड़ से अधिक किसानों को 2.61 लाख करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं, यह विश्व स्तर पर सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है.
फेस ऑथेंटिकेशन-आधारित e-KYC
भारत सरकार ने फेस ऑथेंटिकेशन-आधारित ई-केवाईसी (e-KYC) की सुविधा वाला एक मोबाइल ऐप भी विकसित किया है. यह ऐप पहला मोबाइल ऐप है जो सरकार की किसी भी लाभ योजना में फेस ऑथेंटिकेशन-आधारित ई-केवाईसी सुविधा का उपयोग करता है.
- इस मोबाइल ऐप का उपयोग करना बहुत आसान है और यह गूगल प्ले स्टोर पर सरलता से डाउनलोड किया जा सकता है.
- ऐप के जरिए अब किसान घर बैठे देश के दूर-दराज के इलाकों में भी बिना किसी ओटीपी या फिंगरप्रिंट के सिर्फ अपना चेहरा स्कैन करके अपना ई-केवाईसी पूरा कर सकते हैं.
- इतना ही नहीं, बल्कि वे अपने पड़ोस के 100 अन्य किसानों को भी उनके दरवाजे पर ई-केवाईसी पूरा करने में सहायता कर सकते हैं.
इसके अलावा, भारत सरकार ने राज्य सरकार के अधिकारियों के लिए किसानों की ई-केवाईसी पूरी करने की सुविधा भी बढ़ा दी है, जिससे प्रत्येक अधिकारी को 500 किसानों के लिए ई-केवाईसी करने की अनुमति मिल गई है.