PMFBY: किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करवा सकेंगे. इसके अनुसार राजस्थान सरकार ने खरीफ 2024 की फसलों का बीमा कराने को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं. किसान फसल खराब से होने वाले नुकसान से बचाव के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत बीमा करवा सकेंगे. इसके तहत फसलवार बीमा की प्रीमियम राशि भी घोषित कर दी गई है.

इन फसलों का करवा सकेंगे बीमा

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कृषि आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार द्वारा खरीफ फसलों के लिए बीमा अधिसूचना जारी कर दी गई है. इसके तहत अधिसूचित फसलें बाजरा, ज्वार, मक्का, मूंग, मोंठ, ग्वार, चंवला, उड़द, अरहर, सोयाबीन, तिल, धान, कपास और मूंगफली है. योजना के क्रियान्वयन के लिए जिले के लिए एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिसूचित किया गया है.

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योजना में किसानों द्वारा खेतों में वास्तविक रूप से बोई गयी फसलों की सूचना 29 जुलाई तक लिखित में देनी होगी. वास्तविक बुआई अनुसार फसलों का बीमा सम्बन्धित बैंक या समिति दवारा किया जा सके. जो ऋणी कृषक, फसल बीमा नहीं कराना चाहते हैं वे 24 जुलाई तक बैंक को लिखित में सूचना देकर इस योजना से बाहर हो सकते हैं.

खरीफ फसल के लिए बीमा का प्रीमियम फिक्स

प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत किसान, खरीफ फसलों का बीमा 31 जुलाई तक करा सकते हैं. बयान के अनुसार बीमित राशि का खरीफ फसल के लिए 2%, रबी के लिए 1.5% और वाणिज्यिक व बागवानी फसलों के लिए 5% प्रीमियम किसान द्वारा वहन किया जायेगा. 

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प्राकृतिक आपदा से नुकसान पर मिलेगा बीमा क्लेम

फसल बुआई से लेकर कटाई तक सूखा, लम्बी सूखा अवधि, बाढ, जलप्लावन, कीट एवं व्याधि, भू-स्खलन, बिजली गिरने से लगी आग, तूफान, ओलावृष्टि और चक्रवात सहित नुकसान जिसे नियंत्रित नहीं किया जा सकता. फसल कटाई के उपरान्त 14 दिन तक सूखने के लिए खेत में छोड़ी गई फसल को चक्रवात, चक्रवाती वर्षा, असामयिक वर्षा तथा ओलावृष्टि से हुए नुकसान का व्यक्तिगत आधार पर फसल बीमा क्लेम दिया जाएगा.  बीमा कंपनी को बीमित कृषक का विवरण 15 अगस्त तक पोर्टल पर अनिवार्य रूप से करना होगा.

जरूरी होंगे ये डॉक्यूमेंट्स

गैर ऋणी कृषक को भू-स्वामित्व का आधार लेड पजेशन प्रमाण पत्र, बैंक खाता संबंधित जाकनारी और आधार कार्ड की प्रति ऑनलाइन जमा करानी होगी. वहीं, अपनी बीमित फसल की निर्धारित प्रीमियम राशि संबंधित बीमा कम्पनी को जमा करानी होगी. बीमा क्लेम का भुगतान बैंक के माध्यम से संबंधित बैंक के माध्यम से संबंधित कृषक के बैंक खाते में सीधे जमा कराया जाएगा. गारंटी उपज की गणना को लेकर बीमा इकाई की गत 7 वर्षों में से सर्वश्रेष्ठ 5 वर्षों का औसत लिया गया हैं और उसे अधिसूचित जोखिम स्तर 80 फीसदी से गुणा किया जाकर गणना की गई हैं.

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