Cotton Crop: हरियाणा की मुख्य पैदावार में से एक कपास  (Cotton) पर गुलाबी सुंडी (Pink bollworm) का प्रकोप देखा जा रहा है. फसल बर्बाद होने से बचाने के लिए हरियाणा सरकार (Haryana Government) ने किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसके मुताबिक, कपास की फसल बचाने के लिए  कुछ उपाय व सावधानियां जरूरी हैं. किसान भाई, कपास की फसल में गुलाबी सुंडी पर नियंत्रण के लिए कृषि विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें और अपनी फसल को बचाएं.

गुलाबी सुंडी की रोकथाम के लिए क्या करें?

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किसान गुलाबी सुंडी से कपास की फसल बचाने के लिए लगातार खेत की निगरानी करें. कपास की लकड़ियों के ढेर खेत में न लगाएं. इन्हें घर ले जाकर ढेर बनाने की बजाए लंबवत खड़ा करें और ढक कर रखें.

  • बिजाई 15 अप्रैल से 15 मई के बीच ही करें
  • खेत में लगे 2 फेरोमोन ट्रैप, 100 फूलों या 20 हरे टिंडे प्रति एकड़ खोलकर देखें
  • पहले 60 दिन तक नीम आधारित कीटनाशकों का ही इस्तेमाल करें
  • बचाव के लिए फसल में निगरानी के लिए प्रति एकड़ फेरोमोन ट्रैप लगाएं
  • खेत में लकड़ियों और मीलों में बिनौले के ढेर खुले में ना बनाएं
  • अगेती व पिछेती बिजाई ना करें
  • सिफारिश किए गए कीटनाशकों का इस्तेमाल करें

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फसलों को गुलाबी सुंडी या अन्य किसी प्रकार की बीमारी से बचाव के लिए किसानों को जागरूक होना जरूरी है. कपास की लकड़ियों को श्रेडर, सुपरसीडर, हैप्पी सीडर, रोटावेटर आदि से कुतरकर खेत में ही मिलाएं. कपास की फसल को गुलाबी सुंडी के प्रकोप से बचाने के लिए ये सावधानियां बरतें और बताए उपाय का इस्तेमाल जरूर करें.

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