इस 'सुपरफूड' की खेती किसानों को बनाएगी मालामाल, 4 महीने में तैयार हो जाती है फसल
Chia Seeds: चिया, पोषण सुरक्षा के नजरिए से महत्वपूर्ण वैकल्पिक फसल है. यह लैमियेसी (पुदिना परिवार) कुल का एकवर्षीय पौधा है. इसके बीजों में ओमेगा 3 व 6 फैटी एसिड प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं. इसके बीज प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, डायटरी फाइबर, पोषक तत्व और विटामिन का अच्छा स्रोत है. इसमें फाइबर की मात्रा बहुत ज्यादा होती है, जो शरीर को अंदर से ताकतवर बनाती है. इस कारण इसे 'सुपर सीड' की श्रेणी में रखा गया है.
Updated on: June 07, 2024, 04.01 PM IST
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सफेद व काली किस्मों की खेती
चिया की सफेद व काली किस्में खेती के लिए काफी प्रचलित है, काली चिया की बीजों में सफेद चिया की तुलना में अधिक प्रोटीन पाया जाता है.
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कैसी होनी चाहिए मिट्टी
इसके उत्पादन के लिए हल्की से मध्यम भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी जिसका पी.एच मान 6-8.5 हो बेहतर माना जाता है.
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इतने दिनों में पककर हो जाती है तैयार
चिया फसल की पंक्तियों में बुआई के लिए प्रति हेक्टेयर 5 से 6 किग्रा बीज की जरूरत होती है. चिया की फसल 120-140 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.
अच्छी उपज के लिए 10-12 टन गोबर की खाद और 50-60 किग्रा नाइट्रोजन, 40-50 किग्रा फॉस्फोरस व 30-40 किग्रा पोटेशियम प्रति हेक्टेयर इस्तेमाल किया जा सकता है.
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कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मददगार
इसके लाभकारी बीज में अधिक फाइबर व ग्लूटेन मुक्त प्रोटीन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ मोटापा भी घटाता है.